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कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने छोड़ी पार्टी, बोलीं- मेरे अयोध्या जाने का हो रहा था विरोध

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‘मुझे कमरे में बंद किया, मैं चीखती रही पर न्याय नहीं मिला’, राधिका का कांग्रेस पर बड़ा आरोप
कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने पत्र में किया पार्टी छोड़ने का खुलासा

रायपुर/नई दिल्ली – छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पत्र लिखकर पार्टी पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं। साथ ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूं। उन्होंने कहा कि हां मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं और मैं अब वही कर रहीं हूं। 

राधिका खेड़ा ने इस्तीफा देने के बाद आज रविवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि मैं अयोध्या धाम दर्शन करने गई थी। रामलला का दर्शन करने पर विरोध इस कदर से होगा, मैंने कभी नहीं सोचा था। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कार्यालय में मेरे साथ अभद्रता हुई। वहां पर धक्कामुक्ति की गई। मुझे कमरे में बंद किया गया, लेकिन मेरे साथ न्याय नहीं किया गया। मैं चीखती-चिल्लाती रही। गुहार लगाती रही। छोटे से लेकर बड़े स्तर तक के कांग्रेस नेताओं तक गुहार लगाती रही पर मुझे न्याय नहीं मिला।  सिर्फ और सिर्फ इसलिए नहीं मिला क्योंकि मैं रामलला मंदिर होकर आई थी। रामलला के दर्शन करके गई थी और मैं अपने आप को इससे रोक नहीं पाई। जिस दिन मेैं रामलला के दर्शन करके आई, मुझे निरंतर विरोध विरोध का सामना करना पड़ा और वह विरोध मुझे न्याय के हक से दूर करेगा। मेरे साथ इस तरह से व्यवहार और बर्ताव किया जाएगा, यह मैंने कभी नहीं सोचा था।

चुनाव से पहले भी कांग्रेस को एक के बाद एक कई झटके लगे। अब चल रहे चुनाव के बीच भी कांग्रेस को एक और झटका लगा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं। साथ ही अपने पद से इस्तीफ़ा दे रही हूं।

राधिका खेड़ा ने अपने इस्तीफे में लिखा कि हर हिंदू के लिए प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली पवित्रता के साथ बहुत मायने रखती है। रामलला के दर्शन मात्र से जहां हर हिंदू अपना जीवन सफल मानता है वहीं कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

‘रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई’

राधिका ने पत्र में लिखा कि मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए। जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया। आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है, क्योंकि मैं अयोध्या में रामलला के दर्शन करने से खुद को रोक नहीं पाई।