पीएससी परीक्षा 2021 में राज्य के 12 विभागों के लिए 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी। चयन सूची जारी होते ही प्रतिभागी युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा था। युवाओं ने चयन प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और गड़बड़ी को लेकर कई शिकायतें की थी। मामले में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। एन्टीकरप्शन ब्यूरो/आर्थिक अपराध ब्यूरो ने भी इस मामले में अपराध दर्ज किया था।
विधानसभा चुनाव के दौरान यह मामला राज्य में काफी गरमाया हुआ था। पीएससी परीक्षा 2021 में की हुई अनियमितता को लेकर राज्य के युवाओं में बेहद आक्रोश था और इसको लेकर युवा सड़कों पर उतर आए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के युवाओं के आक्रोश को देखते हुए इस मामले की जांच कराने और दोषी लोगों के विरूद्ध कार्यवाही की गारंटी दी थी। पीएम मोदी की राज्य के युवाओं से की गई यह गारंटी भी अब सीबीआई के सुपूर्द होते ही पूरी हो गई है।
राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राज्य में घटित होने वाले गंभीर से गंभीर अपराधों की जांच-पड़ताल सीबीआई से कराने को लेकर किनारा कर लिया गया था। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान घटित कई मामलों में सीबीआई से जांच कराने की मांग को न सिर्फ सिरे से खारिज कर दिया गया था, बल्कि राज्य में सीबीआई को आने को लेकर ही रोक लगा दी गई थी।
जारी अधिसूचना के अनुसार दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धाराओं में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपराध संख्या 28/2024 से संबंधित मामलों की खोज और जांच करने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है। छत्तीसगढ़ सरकार गृह विभाग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2021 की अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने के संबंध में अधिसूचना 16 फरवरी 2024 एवं संशोधित अधिसूचना दिनांक 10 अप्रैल 2024 को जारी की गई थी।