सोमवार को इस तरह की खबर उड़ती रही कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र के नाम संबोधन करने वाले हैं। यह और बात है कि उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर चुपके से बड़ी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश से ने मिशन दिव्यास्त्र का सफल परीक्षण किया है। इसकी प्रोजेक्ट डायरेक्ट महिला हैं। उन्होंने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोमवार को राष्ट्र के नाम संबोधन की खबर उड़ती रही। यह और बात है कि उन्होंने चुपके से ट्विटर पर बड़ी न्यूज दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत ने आज मिशन दिव्यास्त्र का सफल परीक्षण किया। यह मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि एक ही मिसाइल अलग-अलग स्थानों पर धमाका कर सकेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए प्रधानमंत्री ने पूरी डीआरडीओ टीम को बधाई दी।
खास बात यह है कि इस प्रोजेक्ट की डायरेक्टर एक महिला हैं। इसमें महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है। यह प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों से सुसज्जित है। पीएम मोदी ने मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के बारे में ट्वीट के जरिये जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने इस मिशन के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी।
इसके पहले इस तरह की मीडिया रिपोर्टें आईं कि पीएम राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं। इन रिपोर्टों में कयास लगाई गई थी कि मोदी सीएए पर कुछ बड़ा ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, पीएम मोदी ने सीएए पर घोषणा तो नहीं की। लेकिन, सरकार ने इसके नियमों को इसी दिन नोटिफाई किया। देश भर में हिंसक विरोध प्रदर्शन और विपक्षी राजनेताओं और गैर-भाजपा राज्यों के मुख्यमंत्रियों के कड़े प्रतिरोध के बीच दिसंबर 2019 में संसद ने सीएए को मंजूरी दे दी थी।
भारत की बढ़ी ताकत
भारत ने आज ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के तहत एक बड़ा और सफल परीक्षण किया. मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक से लैस स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण कामयाब रहा.
इस मिसाइल से ये सुनिश्चित होगा कि एक ही मिसाइल युद्ध के कई प्रमुख क्षेत्रों पर एक साथ तैनात की जा सकती है. इस परियोजना की निदेशक एक महिला हैं और इस मिशन में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है.मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है.
ये प्रणाली स्वदेशी एवियोनिक्स प्रणालियों और उच्च सटीकता सेंसर पैकेजों से लैस है, जो ये सुनिश्चित करती है कि सटीकता के साथ ये लक्ष्य तक पहुंचती है. ये क्षमता भारत की बढ़ती तकनीकी शक्ति का प्रतीक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिसाइल के सफल परीक्षण को लेकर वैज्ञानिकों को बधाई दी है. उन्होंने एक्स पर लिखा, “मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है.”