भोपाल – पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कांग्रेस के रुख से व्यथित होने का दावा करते हुए आज अपने कई दिग्गज समर्थकों के साथ कांग्रेस का साथ छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। श्री पचौरी के साथ धार से पूर्व सांसद और आदिवासी नेता गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल, कांग्रेस के भोपाल जिला अध्यक्ष रहे कैलाश मिश्रा और कांग्रेस के पदाधिकारी रहे कई नेताओं ने भी कांग्रेस छोड़ दी। इन सभी को यहां भाजपा के प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भाजपा की सदस्यता दिलाई।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक तरफ तो ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाल रहे हैं, वहीं उनकी यात्रा में पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं का अपमान हो रहा है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि वे श्री गांधी का स्वागत करते हैं कि वे और ज्यादा यात्रा निकालें, ताकि उसके इस प्रकार के सही परिणाम निकल कर आएं।
भाजपा की सदस्यता लेने के बाद श्री पचौरी ने कहा कि कांग्रेस में अभी जो राजनीतिक और धार्मिक निर्णय हो रहे हैं वे असहज करने वाले हैं। देश की परंपरा रही है कि सेना के शौर्य पर कभी सवालिया निशान नहीं लगाए जाते, लेकिन अब कांग्रेस में ऐसा भी हो रहा है। पार्टी के धार्मिक निर्णय ‘उद्वेलित’ करने वाले हैं। भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन के निमंत्रण पर एक अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए उसे ठुकराना शब्द का इस्तेमाल किया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे श्री पचौरी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का संदर्भ देते हुए कहा कि भगवान श्री राम के मंदिर का ताला खुलवाने और शिलान्यास में अहम भूमिका निभाने वाले कौन थे, फिर अब की कांग्रेस को निमंत्रण पत्र अस्वीकार करने की क्या आवश्यकता थी।
उन्होंने श्री राम चरित मानस की एक चौपाई का संदर्भ देते हुए कहा कि कोई कितना भी प्रिय क्यों ना हो, अगर राम जी का विरोध करे तो उसे छोड़ दो। उन्होंने ये भी दावा किया कि वे बिना किसी शर्त के भाजपा में आए हैं और उन्हें किसी प्रकार की कोई पदलिप्सा कभी नहीं रही।
श्री पचौरी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वे गांधी परिवार के काफी नजदीकी माने जाते रहे हैं।
इस अवसर पर पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार भाजपा में स्वर्गीय कैलाश जोशी संत कहलाते थे उसी प्रकार कांग्रेस में अगर कोई संत रहा तो वे श्री पचौरी रहे।
श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व एक ऐसे नेता कर रहे हैं जिनकी खुद की ही दिशा तय नहीं है। जो कांग्रेस श्री पचौरी जैसे नेता का सम्मान नहीं कर पाए, तो वो पार्टी कहां से बचेगी।
इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आने की कई दिन तक अटकलें सामने आईं थीं। श्री कमलनाथ के इस प्रकार का निर्णय नहीं लेने की बात सामने आने के बाद से ये खबरें जोरों पर थीं कि कांग्रेस का कोई और दिग्गज अब पार्टी का साथ छोड़ कर भाजपा का दामन थाम सकता है।(वार्ता)
दिग्विजय सिंह का सुरेश पचौरी के नाम संदेश…
कई दशकों तक कांग्रेस का हाथ थामे रखने के बाद आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के नाम एक संदेश देते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे (श्री पचौरी) को पार्टी के संघर्ष के दिनों में संबल बनना था, पर अब वे चाहे जो भी करें, कम से कम श्री राम के नाम पर ना करें।
श्री सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्री पचौरी को संबोधित करते हुए पोस्ट किया, ”सुरेश, भला 50 साल का रिश्ता भी कोई यूं तोड़ता है.. आपको तो संघर्ष के दिनों में संबल बनकर साथ खड़ा होना था। क्या धर्म यह नहीं सिखाता कि अपनों के सुख-दुख में साथ रहें? राम मंदिर में आस्था उचित है लेकिन राम की मर्यादा को क्यों भूल गए? सच का साथ देने के लिए संघर्ष के पथ पर निःस्वार्थ चलने की सीख ही राम के प्रति सच्ची आस्था होती। बाक़ी सब स्वार्थ है। ”(वार्ता