भाजपा लोकसभा चुनाव के लिए अपने 11 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर चुकी है. कांग्रेस के उम्मीदवारों की लिस्ट का सियासी गलियारों में बेसब्री से इंतजार किया जा रहा था, जो अब खत्म हो चुका है. सीईसी की बैठक में छत्तीसगढ़ के 11 में से 6 सीट पर नाम फाइनल कर दिया गया है. 5 पर घोषणा होना बाकी है|
रायपुर – बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है और छत्तीसगढ़ के 11 सीटों में से 6 सीटों में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और पाटन से विधायक भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से कांग्रेस ने टिकट दिया है. भूपेश बघेल राजनांदगांव सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. दरअसल काफी दिनों से कयास लगाया जा रहा था कि भूपेश बघेल को सांसद प्रत्याशी का टिकट दिया जा सकता है. आज (8 मार्च) शाम कांग्रेस पार्टी ने राजनांदगांव लोकसभा सीट से उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया है.
जाति समीकरण के आधार पर दी गयी राजनांदगांव से टिकट
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राजनंदगांव सीट से चुनावी मैदान में उतारने के कई मायने निकाले जा रहे हैं दरअसल राजनांदगांव को बीजेपी का गढ़ कहा जाता है.
पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह का यह गृह जिला है वहीं इस लोकसभा सीट से बीजेपी के संतोष पांडे ने भारी मतों से पिछली चुनाव में जीत हासिल की थी और उन्हें दोबारा एक बार फिर इसी सीट से टिकट दिया गया है, अब इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनावी में उतारे जाने से ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी की तरह ही कांग्रेस भी जाति समीकरण को ध्यान में रखकर उन्हें इस सीट से टिकट देने की बात कही जा रही है.
जानकारी के मुताबिक राजनांदगांव में सामान्य वर्ग से ओबीसी वर्ग की जनसंख्या ज्यादा है और भूपेश बघेल भी ओबीसी वर्ग से हैं, ऐसे में कांग्रेस ने जाति समीकरण को ध्यान में रखकर उन्हें राजनांदगांव लोकसभा सीट से टिकट दिया है.
इसके अलावा भूपेश बघेल कांग्रेस के बड़े नेता होने की वजह से भी कांग्रेस आलाकमान भूपेश बघेल की इस सीट से जीत तय मानकर चल रही है और भी कई वजह बताए जा रहे हैं जिस वजह से राजनांदगांव से भूपेश बघेल की सीट फाइनल की गई है.. अब इस सीट में कांग्रेस से भूपेश बघेल और यहाँ बीजेपी से पिछली बार सांसद रहे संतोष पांडे के बीच टक्कर है.
बड़े चेहरो पर दाव खेल रही कांग्रेस
दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ और सेंट्रल लेवल में भी कांग्रेस पार्टी में काफी दमदार नेता माने जाते हैं, 2018 के विधानसभा चुनाव में उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई थी, और वे प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, भूपेश बघेल पांच बार विधानसभा चुनाव जीते हैं, हालांकि 2008 के विधानसभा चुनाव में जरूर उन्हें हार मिली, और 2009 के संसदीय चुनाव में भी रायपुर सीट से उन्हें हार मिली, लेकिन 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल ने पाटन विधानसभा से बड़ी लीड से चुनाव जीता था,
वहीं 2014 से 2019 तक के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के भी अध्यक्ष रहे, लगातार विधानसभा चुनाव लड़ रहे भूपेश बघेल को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट देने को लेकर भी राजनीतिक गलियों में हलचल मच गई है, कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता यह तय मानकर चल रहे हैं कि राजनांदगांव सीट से भूपेश बघेल की जीत सुनिश्चित है,
वहीं बीजेपी भी अपनी जीत का दावा कर रही है, इधर भूपेश बघेल को राजनांदगांव सीट से टिकट देने को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस छत्तीसगढ़ के 11 सीटो में से केवल 2 सीट में ही चुनाव जीत पाई थी, ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीट लाने के लिए कांग्रेस आलाकमान प्रदेश के बड़े नेताओं को चुनावी मैदान में उतार रही है और उन्हें लोकसभा सांसद प्रत्याशी का टिकट दे रही है.जिनमे भूपेश बघेल शामिल है.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (राजनांदगांव लोकसभा)
छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है. कांग्रेस लंबे समय से इस सीट को जीतने में नाकामयाब रही है. वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के संतोष पांडे यहां से सासंद हैं.
विकास उपाध्याय (रायपुर लोकसभा)
विकास उपाध्याय रायपुर पश्चिम से विधायक रह चुके हैं. उन्हें 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा के राजेश मूणत से हार का सामना करना पड़ा था. जिसके बाद अब कांग्रेस आलाकमान ने उनको लोकसभा चुनाव लड़ाने का फैसला लिया है.
ताम्रध्वज साहू (महासमुंद लोकसभा)
कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू को महासमुंद से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया गया है. ताम्रध्वज साहू को 2023 विधानसभा चुनाव में ललित चंद्राकर के सामने हार का सामना करना पड़ा था. इससे पहले वे दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं.
राजेन्द्र साहू (दुर्ग लोकसभा)
राजेंद्र साहू को दुर्ग लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी बनाया गया है. वे जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष रह चुकें हैं. साथ ही पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी भी माने जाते हैं. पूर्व में स्व. ताराचंद साहू के क्षेत्रीय पार्टी स्वाभिमान मंच से दुर्ग विधायक और महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं. जिसके बाद साल 2017 में कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
ज्योत्सना महंत (कोरबा लोकसभा)
ज्योत्सना महंत को फिर से कोरबा से टिकट दी गई है. कांग्रेस आलाकमान ने दोबारा भरोसा जताते हुए अपना उम्मीदवार बनाया है. ज्योत्सना महंत के सामने इस बार भाजपा ने पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को मैदान में उतारा है.
डॉ. शिव डहरिया (जांजगीर-चांपा)
विधानसभा चुनाव में डॉ. शिव डहरिया को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद भी कांग्रेस आलाकमान ने भरोसा जताते हुए जांजगीर-चांपा सीट से उम्मीदवार बनाया है. शिव डहरिया को विधानसभा चुनाव में आरंग से गुरू खुशवंत साहेब ने हराया था