जनता दल-यूनाइटेड (JDU) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें I.N.D.I.A. और महागठबंधन में चीजें ठीक नहीं लग रही थीं, इसलिए उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ नया गठबंधन और नई सरकार बनाने का निर्णय लिया है
पटना -बिहार की सियासत में रविवार को हुए बड़े उठापटक के बीच नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़कर NDA का दामन थामा और 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. नीतीश कुमार के साथ-साथ बिहार BJP प्रमुख सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा नई सरकार में डिप्टी सीएम बने. बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने सभी नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. खास बात यह है कि नीतीश कुमार साल 2005 से अब तक सत्ता में बने हुए हैं, लेकिन कई बार उन्होंने पाला बदला है. इससे पहले नीतीश कुमार ने सुबह बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंपा था. महागठबंधन सरकार से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
नीतीश ने महागठबंधन का क्यों छोड़ा साथ?
नीतीश ने कहा, ‘मैंने आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. अपनी पार्टी के लोगों से मिल रही राय के अनुसार मैंने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया. हमने पूर्व के गठबंधन (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को छोड़कर नया गठबंधन बनाया था, लेकिन इसमें भी स्थितियां ठीक नहीं लगी. जिस तरह के दावे एवं टिप्पणियां लोग कर रहे थे, वे पार्टी के नेताओं को खराब लगे इसलिए आज हमने (त्यागपत्र) दे दिया और हम अलग हो गए.’
नीतीश ने 2022 में छोड़ा था BJP का साथ
नीतीश कुमार पार्टियों को पलटने और राज्य सरकार में गठबंधन को मुश्किल स्थिति में छोड़ने के लिए जाने जाते हैं. आखिरी बार नीतीश कुमार ने अगस्त 2022 में बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ा था. तब उनकी पार्टी ने राज्य में RJD के साथ गठबंधन किया था, जब नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री चुने गए थे और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव उनके डिप्टी सीएम बने थे. उन्होंने BJP पर JDU को ‘विभाजित’ करने की कोशिश का आरोप लगाते हुए उससे नाता तोड़ लिया था.
कैसा है बिहार विधानसभा का समीकरण?
मौजूदा 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में JDU के 45 और BJP के 78 विधायक हैं. नीतीश कुमार को एक निर्दलीय सदस्य का भी समर्थन हासिल है. जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) पहले से ही NDA का हिस्सा है. उसके चार विधायक हैं. राजद (79 विधायक), कांग्रेस(19 विधायक) और वाम दलों (16 विधायकों) के विधायकों को मिलाकर महागठबंधन के 114 विधायक हैं जो बहुमत से आठ कम हैं.