नई दिल्ली – नए संसद भवन में राज्यसभा की पहली बैठक के दौरान ही मंगलवार को उस समय नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच तीखी नोंकझोंक हुई जब खरगे ने दावा किया कि राज्यों को जीएसटी राशि समय से नहीं मिल रही है. इसका प्रतिवाद करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि किसी भी राज्य की कोई जीएसटी राशि बकाया नहीं है.
खरगे ने कहा कि कुछ राज्यों को जीएसटी, मनरेगा, कृषि, सिचाई सहित विभिन्न कार्यक्रमों की अनुदान राशि समय से नहीं मिलती है. उन्होंने सरकार की नीयत पर सवाल करते हुए कहा कि क्या इससे ऐसे राज्य कमजोर नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार सिर्फ लोकतंत्र की बात करती है लेकिन कई राज्यों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकारों को उसने गिरा दिया.
वित्त मंत्री सीतारमण ने खरगे का प्रतिवाद करते हुए कहा कि उनका बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उधार लेकर राज्यों को जीएसटी का भुगतान किया है. उन्होंने कहा कि राज्यों को हर बार एक दो महीने एडवांस में भी जीएसटी का भुगतान किया गया. उन्होंने जोर दिया कि किसी भी राज्य का कोई भी जीएसटी पैसा केंद्र पर बकाया नहीं है. इस मुद्दे पर दोनों पक्षों के बीच नोंकझोंक के बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने दोनों नेताओं को अपने बयानों को अभिप्रमाणित करने का निर्देश दिया और कहा कि वे आज ही अपने दावों के समर्थन में संबंधित दस्तावेज सदन के पटल पर रखेंगे.