नई दिल्ली – अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती देने के मकसद से जारी विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत बेंगलुरू में 17 और 18 जुलाई को होने वाली विपक्ष की अगली बैठक में 24 पार्टियां भाग लेंगी.
विपक्षी दलों की 23 जून को पटना को हुई पिछली बैठक में 15 राजनीतिक दल शामिल हुए थे. उसके मुकाबले इस बार नौ और राजनीतिक दल भी विपक्षी दलों की बैठक का हिस्सा बनेंगे. कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी भी 17 जुलाई को विपक्षी नेताओं के लिए आयोजित रात्रिभोज में शामिल हो सकती हैं. सूत्रों ने बताया कि 17 जुलाई को रात्रिभोज नेताओं की मुलाकात के बाद इसके अलग दिन विधिवत चर्चा होगी जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर आगे की रणनीति तय की जा सकती है.
सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में एमडीएमके, केडीएमके, वीसीके, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी), फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और केरल कांग्रेस (मणि) भी शामिल होंगे. विपक्षी एकजुटता की कवायद के तहत पहली बैठक 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में हुई थी जिसमें 15 राजनीतिक दल शामिल हुए थे. राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी पारिवारिक कार्यक्रम के चलते इस बैठक में शामिल नहीं हो सके थे. जो 24 राजनीतिक दल विपक्षी बैठक में शामिल होने जा रहे हैं उनके करीब 150 लोकसभा सदस्य हैं.
विपक्ष की बैठक में आम आदमी पार्टी को भी आमंत्रित किया गया है. आम आदमी पार्टी ने पिछले दिनों कहा था कि कि अगर कांग्रेस दिल्ली से संबंधित केंद्र के अध्यादेश पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं करती है तो वह कांग्रेस की मौजूदगी वाली किसी बैठक का हिस्सा नहीं होगी. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने सोमवार को उम्मीद जतायी थी कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की अगली बैठक में भाग लेंगी.