आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पर इस बार अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं इस नवरात्रि में अगर आप सच्चे मन से देवी मां की आराधना करते हैं उनके मंत्रों का जप करते हैं तो जीवन में आई समस्त परेशानियों से मुक्ति मिलेगी
प.अरविन्द मिश्रा रायपुर – हिंदू धर्म में शक्ति की आराधना के लिए नवरात्रि का पर्व बेहद शुभ माना जाता है. देवी की पूजा आराधना के लिए साल में 4 नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. जिसमें दो नवरात्रि पर शक्ति की साधना प्रत्यक्ष रूप से की जाती है. जबकि दो नवरात्रि का पर्व गुप्त रूप से मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को शुरू होती है. जो इस साल 17 जून से प्रारंभ होगी और 28 जून को समापन होगा. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की पूजा आराधना करने का विधान है. सनातन धर्म के लोग गुप्त नवरात्रि में नाना प्रकार की सिद्धियां तंत्र मंत्र विद्या के लिए मां जगत जननी जगदंबा की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करते हैं.
दरअसल अयोध्या के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि पर इस बार अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं इस नवरात्रि में अगर आप सच्चे मन से देवी मां की आराधना करते हैं उनके मंत्रों का जप करते हैं तो जीवन में आई समस्त परेशानियों से मुक्ति मिलेगी गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना की जाती है उनके मंत्रों का जप किया जाता है .
गुप्त नवरात्रि के पहले दिन मां काली की पूजा आराधना की जाती है. देवी के 10 स्वरूपों में से एक मां काली की पूजा आराधना करने का विधान ऐसे में आप मां काली की पूजा करने के साथ-साथ मां काली के इन मंत्रों का जप करें….”‘क्रीं ह्रीं काली ह्रीं क्रीं स्वाहा’
गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन मां तारा की पूजा की जाती है इनकी साधना से साधक को संतान सुख की प्राप्ति जल्द मिलती है ऐसे में आप दिए गए इस मंत्र का जप कर सकते हैं‘ॐ ह्रीं स्त्रीं हूं फट’ मंत्र का जप करें.\”
तीसरे दिन त्रिपुरसुंदरी दिए गए इन मंत्रों का जप करना चाहिए‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीये नम:’ मंत्र का जप करें.
गुप्त नवरात्रि के चौथे दिन मां भुनेश्वरी की पूजा आराधना की जाती है. इनकी आराधना करने से साधक को सभी सुखों के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है. चौथे दिन इस मंत्रों का जप करना चाहिए. ‘ह्रीं भुवनेश्वरीय ह्रीं नम’ मंत्र का जप करें.
पांचवे दिन छिन्नमस्ता देवी की पूजा आराधना करनी चाहिए इनकी पूजा आराधना करने से व्यक्ति को गुप्त शत्रुओं से रक्षा मिलती है. इस दिन दिए गए इस मंत्र का जप करना चाहिए. ‘श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैररोचनिए हूं हूं फट स्वाहा’ मंत्र का जप करें.
गुप्त नवरात्रि के छठवें दिन मां तिरुपुर भैरवी की पूजा आराधना करनी चाहिए और दिए गए इस मंत्र का जप करना चाहिए.‘ॐ ह्रीं भैरवी क्लौं ह्रीं स्वाहा’ मंत्र
सातवें दिन मां धूमावती की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना होती हैं इस दिन विधि विधान पूर्वक पूजा करने से साधक के समस्त दुख और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है‘धूं धूं धूमावती दैव्ये स्वाहा’ मंत्र का जप करें.
आठवें दिन मां बगलामुखी की पूजा आराधना करने का विधान है इस दिन दिए गए इन मंत्र का जप करें‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं, पदम् स्तम्भय जिव्हा कीलय, शत्रु बुद्धिं विनाशाय ह्रलीं ॐ स्वाहा ‘क्रीं ह्रीं कमला ह्रीं क्रीं स्वाहा’
नौवें दिन मां मातंगी और मां कमला की पूजा आराधना करनी चाहिए इस दिन इन मंत्रों का जप करना चाहिए ‘क्रीं ह्रीं मातंगी ह्रीं क्रीं स्वाहा’