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महिलाओं को झांसे में लेकर करोड़ों की ठगी करने वाले 3 नाइजीरियन गिरफ्तार…

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रायपुर – सोशल मीडिया के माध्यम से महिलाओं को झांसा देकर करोड़ों ठगी करने वाले 3 विदेशी नागरिकों के रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तीनों नाइजीरियन नगारिक देशभर में घूम-घूमकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। आरोपी मैट्रिमोनियल साइट पर फर्जी आईडी बनाकर महिलाओं को अपने झांसे में लेते थे। पुलिस ने तीन नाइजीरियन को दिल्ली से गिरफ्तार कर रायपुर ले आई है। इसके बाद रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया है। 

पंडरी रायपुर निवासी प्रार्थिया ने रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह व्हाट्सएप में वीडियो कॉल के माध्यम से विकास कुमार नायक नामक व्यक्ति से बात कर रही थी। इस पर दोनों विवाह के लिए तैयार हो गए थे। आरोपी विकास ने पीड़िता को गिफ्ट भेजने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने प्रार्थी से 13 लाख 55 हजार रुपए की ठगी की है। ठगने का अहसास होने पर पीड़िता ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है। 

आरोपियों को रिमांड पर रायपुर लाया गया 
आरोपी मेट्रोमोनियल और व्हाट्सएप के माध्यम से चैट करके महिलाओं को अपने विश्वास लेते थे। महिलाओं को विश्वास में लेकर आरोपी राशि को अलग-अलग बैंक के में मंगा लेते थे। आरोपी ईमानुअल और पोलिनुस क्रमश: नाइजीरिया और अगस्टीन बेनिन के रहने वाले हैं। आरोपी ईमानुअल एवं पोलिनुस पूर्व में भी वीजा अवधि खत्म होने पर दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे थे। पुलिस ने आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लाई है। 

देशभर में घूम-घूमकर करते थे ठगी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल के निर्देश पर रायपुर पुलिस ने दिल्ली से आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 19 नग मोबाइल फोन, 1 नग लैपटॉप, 31 एटीएम कार्ड, 22 पासबुक, 35 चेकबुक और 1 नग सिम कार्ड जब्त किया गया है। आरोपियों के खिलाफ आंध्र-प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडू और तेलंगाना सहित अन्य राज्यों के अलग-अलग जिलों में कुल 19 अपराध दर्ज हैं, जिनमें आरोपियों ने पीड़ितों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। 

ये था महिलाओं को फंसाने का ट्रिक 
आरोपी मैट्रीमोनियल साइट, फेसबुक और सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्मों पर फर्जी आईडी बनाते थे। फर्जी आईडी से महिलाओं से संपर्क कर उनका मोबाइल नंबर लेते थे। फिर व्हाट्सएप पर कॉल कर धीरे-धीरे महिलाओं भरोसा जीत लेते थे। कई तरह के लुभावने और प्रलोभन देकर उनके दिये गये अलग-अलग बैंक खातों में पैसे ले लेते थे। आरोपी अपनी पहचान छुपाने के लिए सिम और मोबाइल को बाद में नष्ट कर देते थे। वहीं आईडी को भी डि-एक्टिवेट कर देते थे। वहीं उनके एकांउट भी फर्जी हुआ करते थे।