सीएम बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस को बोरे बासी तिहार के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में बोरे बासी का बड़ा महत्व है.
रायपुर / दुर्ग – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम जनता से अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस के अवसर पर बोरे बासी खाकर अपनी संस्कृति के गौरव को मनाने की अपील की है. मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि पिछले साल हम लोगों ने एक मई को बोरे बासी तिहार मनाया था. इस बार भी बोरे बासी तिहार मनाएंगे. मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से ऐसे ही उत्साह के साथ इस बार भी बोरे बासी तिहार में शामिल होने का आग्रह करते हुए इसे सोशल मीडिया में शेयर करने की अपील की है.
मुख्यमंत्री ने संदेश में कहा “यूं तो पूरी दुनिया में मेहनतकश लोगों के लिए एक मई की तारीख को मेहनत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है, लेकिन हमारे प्रदेश में यह दिवस इसलिए और भी खास है क्योंकि हमारा प्रदेश किसानों,आदिवासियों और मजदूरों का प्रदेश है. हमारे खेत, जंगल, खदान और कारखानों को हमने पसीने से सींचकर खड़ा किया है. ये हमारी ताकत है.इन सभी जगहों पर अपना पसीना बहाने वाले लोगों ने ही प्रदेश को अपने कंधों में संभाल रखा है. इनके श्रम का सम्मान करने और श्रम का उत्सव मनाने के लिए हमने एक मई को बोरे बासी तिहार के रूप में मनाने का निर्णय लिया है.”
सीएम बघेल ने बोरे बासी की विशेषता बताई
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति में बोरे बासी का बड़ा महत्व है. किसानों और श्रमिकों के साथ आम छत्तीसढ़िया लोगों का भी यह बड़ा प्रिय आहार है. अपने पौष्टिक गुणों और स्वाद के कारण यह हमारी लोक-संस्कृति में इस तरह रच-बस गया है. यह हमारे गीतों और लोक-कथाओं में भी शामिल हो गया है. गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है.पाचन शक्ति बढ़ाता है. त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह राम बाण है. बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं.
CM ने कहा- इस उत्सव में पूरा छत्तीसगढ़ भागीदार बनेगा
मुख्यमंत्री ने कहा “वो यह जानने उत्सुक रहेंगे कि बटकी और थाली में बोरे-बासी के साथ कौन-कौन सी चीजें सजती हैं. जैसे कोई दही उपयोग करता है. कोई गोंदली और अथान उपयोग करता है.कोई आचार या चटनी के साथ बोरे-बासी खाता है. कोई पापड़, बिजोरी और बरीभाजी के साथ बोरे बासी खाता है.” मुख्यमंत्री ने कहा इस उत्सव में पूरा छत्तीसगढ़ भागीदार बनेगा. यह उत्सव संस्कृति के गौरव का उत्सव बनेगा. जमकर बोरे बासी खाएं और लोगों का उत्साह बढ़ाने इसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करें.