भोपाल। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता उमा भारती ने कवि कुमार विश्वास की आरएसएस पर की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति ली है।
उमा भारती ने ट्वीट कर कहा है कि कुमार विश्वास तुमने तो माफी मांगते हुए भी सबको सामान्य बुद्धि का कह दिया, अब कुपढ़, अनपढ़ की बात तो पीछे छूट गई किंतु तुम्हारी बुद्धि विकृत है यह स्थापित हो गया। इस बयान पर भाजपा नेता जयभान सिंह पवैया ने भी कड़ा ट्वीट किया है।
उल्लेखनीय है कि उज्जैन में विक्रमोत्सव-2023 में रामकथा कहने आए कवि कुमार विश्वास की टिप्पणी पर बवाल खड़ा हो गया है, हालांकि इसके बाद कुमार ने इस पर खेत भी जता दिया है।
मंगलवार रात को कथा के दौरान कुमार विश्वास ने वामपंथियों को कुपढ़ और आरएसएस से जुड़े लोगों को अनपढ़ कह दिया था। तब कथा के दौरान प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डा मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल सहित संघ से जुड़े कुछ लोग भी मौजूद थे। भाजपा नेताओं ने ही कथा से पहले कुमार विश्वास का स्वागत किया था। बुधवार को इस टिप्पणी से जुड़ा वीडियो बहुप्रसारित हो गया। इसके बाद बवाल शुरू हुआ। विविध प्रतिक्रियाओं के बाद वीडियो जारी कर कुमार विश्वास ने अपने बयान पर स्थिति स्पष्ट की थी।
कुमार विश्वास ने अपने-अपने राम विषय पर रामकथा सुनाई। रामकथा को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बताया। एक पुराने प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि लगभग 3-4 वर्ष पहले बजट आने वाला था। तब उनके पास एक बच्चा आकर पूछता है कि बजट कैसा आना चाहिए। वह आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लिए काम करता है। हमारे साथ भी रहता है। कुमार विश्वास ने उससे कहा था- आप लोगों ने रामराज्य की सरकार बनाई है तो रामराज्य वाला बजट आना चाहिए। इस पर बच्चे ने कहा कि रामराज्य में बजट कहां होता था। तब कुमार विश्वास ने कहा कि तुम्हारी यही समस्या है कि वामपंथी तो कुपढ़ हैं और तुम अनपढ़।
बुधवार शाम कुमार विश्वास ने वीडियो जारी कर अपना स्पष्टीकरण दिया और क्षमा मांगी। उन्होंने कहा कि कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक पर मैंने टिप्पणी की थी। संयोग से वह आरएसएस के लिए काम करता है। मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा करो। वामपंथी कुपढ़ हैं, तुम अनपढ़ हो। बस इतनी-सी बात थी। कुछ विघ्न संतोषियों ने इसे फैला दिया। सभी मित्रों से आग्रह है कि जो बोल रहा हूं उसका अर्थ उस तरह से ही लगाएं। आपकी सामान्य बुद्धि में यह प्रसंग किसी और तरीके से चला गया हो तो उसके लिए मुझे क्षमा करें। जिन्होंने यह विघ्न संतोष पैदा किया है, ईश्वर उनकी बुद्धि से भी मलीनता दूर करें।