नई दिल्ली – विपक्षी कांग्रेस ने गुरुवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के भाषण के कुछ हिस्सों को आधिकारिक रिकॉर्ड से हटाने पर आपत्ति जताई। पार्टी ने दावा किया कि उन्होंने किसी असंसदीय शब्द का इस्तेमाल नहीं किया और उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए कुछ शब्दों का इस्तेमाल पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी किया था। हालांकि, धनखड़ ने समीक्षा से इनकार करते हुए कहा कि वह पहले ही फैसला कर चुके हैं।
खरगे ने कहा, “मैंने न तो किसी असंसदीय शब्द या भाषा का इस्तेमाल किया और न ही किसी पर कोई आरोप लगाया। फिर भी आप कुछ शब्द चुनकर निकाल देते हैं … मैं यह नहीं कहूंगा कि आपने उनकी गलत व्याख्या की, लेकिन अगर आपको कोई संदेह था तो आप एक अलग तरीके से स्पष्टीकरण मांग सकते थे। इसके बजाय भाषण के छह अलग-अलग हिस्सों को हटा दिया गया।” कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, “ये वही शब्द हैं जिनका इस्तेमाल सदन में पहले भी किया गया था। वाजपेयी ने (पूर्व प्रधानमंत्री) पीवी नरसिम्हा राव के लिए भी इसी शब्द का इस्तेमाल किया था। यह अभी भी रिकॉर्ड का हिस्सा है, आप इसे देख सकते हैं।”
खरगे ने धनखड़ को पत्र में कहा- आलोचना को आरोप के तौर पर नहीं लिया जा सकता
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर कहा, “सरकार की नीतियों और फैसलों की किसी भी तरह की आलोचना और उनके नतीजों को सदन के किसी सदस्य के खिलाफ आरोप के तौर पर नहीं लिया जा सकता।”