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BJP के वार रूम को पांच भागों में बांटा गया है. इसमें मध्य गुजरात, दक्षिण गुजरात, उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र शामिल है. इन पांच भागों में आने वाले जिलों का काम अलग अलग टीम करती है.

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BJP के वार रूम को पांच भागों में बांटा गया है. इसमें मध्य गुजरात, दक्षिण गुजरात, उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र शामिल है. इन पांच भागों में आने वाले जिलों का काम अलग अलग टीम करती है.

BJP War Room: गुजरात चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं अलग-अलग मुद्दे बड़ी तेजी से सामने आ रहे हैं. इन मुद्दों को सभी पार्टियां सोशल मीडिया पर डालने और उस पर ही जवाब देने की पूरी कोशिश करती हैं. बीजेपी अपनी सोशल मीडिया टीम को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के लिए जानी जाती है.  यूं तो सोशल मीडिया का 365 दिन बीजेपी बखूबी इस्तेमाल करती है लेकिन जब चुनाव का माहौल होता है तो बाकायदा सोशल मीडिया की टीम के अलावा नए लोगों को तैयार किया जाता है और उन युवक और युवतियों को तरजीह दी जाती है जो उस चुनावी राज्य के होते हैं.

वार रूम से विरोधियों पर होता है हमला

बीजेपी के वार रूम को पांच भागों में बांटा गया है. इसमें मध्य गुजरात, दक्षिण गुजरात, उत्तर गुजरात और सौराष्ट्र शामिल है. इन पांच भागों में आने वाले जिलों का काम अलग-अलग टीम करती है, जिसमें उस जिले में बीजेपी के द्वारा किए गए कामों की जानकारी  हो या फिर बीजेपी के बड़े नेताओं की रैली के मुख्य मुद्दे को छोटी-छोटी क्लिप बनाकर लोगों में वायरल करना साथ ही विरोधियों के आरोपों का जवाब देना, सब कुछ अहमदाबाद में बनाए गए वॉर रूम से हो रहा है.

वार रूम के मुखिया पंकज शुक्ला ने बताया कि बीजेपी के पास 10000 ऐसे डेडीकेटेड वर्कर हैं, जो सोशल मीडिया पर लगातार पार्टी के काम को देखते हैं. गुजरात के वार रूम रूम में मौजूद युवक-युवती इन 10,000 डेडीकेटेड बीजेपी कार्यकर्ताओं तक सारे वीडियोज और जानकारी पहुंचाती हैं. चुनाव से ठीक पहले सोशल मीडिया पर काम करने के लिए बीजेपी द्वारा वॉलिंटियर्स को नियुक्त किया गया था जिनकी संख्या पूरे गुजरात भर में 50000 है. इन सभी लोगों तक सारी जानकारी पहुंचाना भी वार रूम का ही हिस्सा है ताकि 50000 वॉलिंटियर की मदद से हर जिले में आम जनता तक जानकारी पहुंचाई जा सके.

वार रूम से लगातार न्यूज़ चैनल को भी मॉनिटर किया जाता है, ताकि चैनल पर कोई भी खबर अगर चले जिसमें बीजेपी विरोधी बात किसी पार्टी का नेता कर रहा हो या फिर तथ्यों से छेड़छाड़ करता दिख रहा हो तो  तत्काल उसे सही जानकारी के साथ सोशल मीडिया के जरिए जवाब देने का काम किया जाता है. आज जमाना सोशल मीडिया का है लेकिन सोशल मीडिया में कई बार आने वाली बातें सच नहीं होती और इन्हीं कारणों के चलते सभी पार्टियां सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव हैं ताकि सही तथ्य लोगों तक पहुंचाया जा सके.