रायपुर – बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि लैब की स्थापना के लिए बिजली कंपनी ने केंद्रीय विद्युत अनुसंधान संस्था, बैंगलुरू और छत्तीसगढ़ शासन के बीच विद्युत उपकरणों की टेस्टिंग लैब के लिए एमओयू हुआ है। इस लैब के निर्माण के बाद स्मार्ट मीटर की तकनीकी समस्याओं को पकड़ा जा सकेगा और दूर किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने इस लैब के लिए स्वीकृति दे दी है। लैब निर्माण के लिए राज्य शासन ने 10 एकड़ भूमि निशुल्क दी है।
ये सब जांच होगा लैब में
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि लैब में स्मार्ट मीटरों के अलावा ट्रांसफारमर, मीटर टेस्टिंग, ऑयल टेस्टिंग एवं समस्त विद्युत उपकरणों की जांच हो सकेगी। वर्तमान में विद्युत उपकरणों को टेस्टिंग के लिए भोपाल भेजा जाता है। इस लैब के बनने से समय और राजस्व की बचत होगी। इस प्रयोगशाला में बिजली कंपनियों को टेस्टिंग में 20 प्रतिशत की रियायत दी जाएगी। प्रयोगशाला के अंदर ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और इससे उनकी दक्षता बढ़ेगी।
20 करोड़ से ज्यादा होगा खर्च
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि लैब का निर्माण 20 करोड़ 70 लाख रुपए की लागत से किया जाएगा। लैब को निर्माण पूरा करने का लक्ष्य तीन वर्ष रखा गया है। जब तक लैब का निर्माण नहीं होगा, तब तक मीटरों और उपकरणों की जांच भोपाल और बेंगलुरू में की जाएगी।
स्मार्ट मीटर जांच लैब का निर्माण करने के लिए एमओयू हुआ है। नवा रायपुर में 10 एकड़ लैब का निर्माण किया जाएगा। लैब बनने के बाद तकनीकी रूप से मजबूत हो सकेंगे।
मनोज वर्मा, एमडी, बिजली कंपनी