चन्द्रमा की रौशनी में लगने वाला यह प्रदेश का पहला मेंला ,देवी देवताओं की निकाली गई शोभा यात्रा
शेख हसन गरियाबंद – मैनपुर क्षेत्र के प्रसिध्द धार्मिक स्थल चौकसील पहाड़ी के उपर गढ़िया माता के दरबार मे हर वर्ष दशहरा पर्व के पुन्नी शरद पूर्णिमा के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाता है इस मेला का खासियत यह है कि बगैर बिजली के रौशनी में यह मेला का आयोजन रात में भी किया जाता है बकायदा अनेक सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम सिर्फ चंद्रमा की रौशनी में संपन्न होते है उदंती अभ्यारण्य के घनघोर जंगल के भीतर विशाल पहाड़ी है और इस पहाड़ी में एक विशाल मैदान पत्थर का चट्टान है जहां हर वर्ष दशहरा पर्व के बाद शरद पूर्णिमा मेला का आयोजन किया जाता है इस मेला में शामिल होने बस्तर से लेकर सरगुजा तक पूरे प्रदेश के अलावा ओड़िशा प्रदेश से हजारो की संख्या में लोग आते है और आदिवासी परंपरा अनुसार यहां पूजा अर्चना कर देवी -देवताओं की सवारी शोभायात्रा निकाली जाती है रात में अनेक धार्मिक कार्यक्रम के अलावा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है
चौकसील समिति के संरक्षण भुंजिया अभिकरण के सदस्य टीकम नागवंशी, अध्यक्ष अर्जुन नायक, उपाध्यक्ष बैजनाथ नेताम, सचिव रूपेन्द्र सोम, जनपद सदस्य दीपक मंडावी ,भानू सिन्हा,तीरथ नागेश,सेलू राम नागेश, तुलाराम नागेश, मधु ओटी ने बताया चौकसील पहाड़ी में आज मेला में शामिल होने प्रदेश के कोनेे कोने से आदिवासी समाज के लोग व देवी देवता बड़ी संख्या मे पहुंचे है 52 गढ़ बारह पाली के हजारो लोग चौकसील पहाड़ी के उपर गढहिया माता, टंगिया कोटलो, डूमा, चार चौरासी, गादी मां, माता कुलेश्वरी, बारह पाली के देवी देवताओ की विशेष पूजा अर्चना कर कर क्षेत्र में सुख शांति समृध्दि की कामना करते है। साल में एक बार दशहरा पुन्नी के अवसर पर यहा मेला का आयोजन किया जाता है ,