जगदलपुर – 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की सबसे महत्वपूर्ण रस्म मावली परघाव बुधवार की देर रात पूरी की गई। इस रस्म में शामिल होने पहुंचे दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार, जिला पंचायत CEO आकाश छिकारा, SP सिद्धार्थ तिवारी, सहायक आयुक्त, ट्रायबल आनंदजी सिंह ने जमकर झूमे। उन्होंने, आदिवासी नृत्य के भी कुछ स्टेप्स किए। अफसरों की भी माता के प्रति जबरदस्त भक्ति देखने को मिली।
दरअसल, अष्टमी के दिन माता की डोली और छत्र दंतेवाड़ा से जगदलपुर में दशहरा में शामिल होने रवाना किया गया था। इस दौरान भारी संख्या में मां दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी, सेवादार, जिला प्रशासन के अफसर, जनप्रतिनिधि समेत कई भक्त डोली के साथ जगदलपुर पहुंचे थे।
वहीं नवमीं की रात मावली परघाव की रस्म निभाई गई। जगदलपुर के जिया डेरा से पूरे विधि-विधान के साथ माता की डोली और छत्र को दंतेश्वरी मंदिर लाया जा रहा था।
इस दौरान कलेक्टर, SP समेत भारी अन्य अफसर और जनप्रतिनिधि डोली के साथ चलते हुए माता के जस गीतों पर जमकर थिरके। अफसरों ने प्रसिद्ध आदिवासी नृत्य भी किया। वहां मौजूद भक्त अफसरों की माता के प्रति भक्ति को देख काफी तारीफ किए।
जिया डेरा से दंतेश्वरी मंदिर तक करीब डेढ़ किमी तक सारे अफसर नाचते-गाते आए। दंतेश्वरी मंदिर के पास बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव, जगदलपुर कलेक्टर चंदन कुमार समेत अफसरों की टीम ने माता की डोली और छत्र का जोर-शोर से स्वागत किया। मावली परघाव की रस्म निभाई गई।