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पुलिस ने अनोखी पहल – अब घरेलू विवाद होने पर पति-पत्नी को पुलिस मेडिटेशन कराएगी

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कवर्धा – छत्तीसगढ़ के कवर्धा पुलिस ने घरेलू विवाद को सुलाने के लिए एक शानदार पहल की है. कवर्धा पुलिस ने महिला थाने में एक मेडिटेशन रूम बनाया है. जहां घरेलू विवाद को लेकर पहुंचे लोगों को पहले मेडिटेशन रूम में बैठाया जाएगा, ताकि उनका गुस्सा शांत हो सके. उसके बाद उन लोगों का पुलिस काउंसलिंग कराएगी. जिससे घरेलू हिंसा से कोई परिवार टूट कर न बिखर जाए. शायद इस तरह की पहल छत्तीसगढ़ में पहली बार कवर्धा पुलिस ने की है. इस कार्यालय का उद्घाटन करते एसपी लाल उमेद सिंह ने किया है.

क्या है मेडिटेशन रूम
दरअसल, पुराना पुलिस लाइन में स्थित महिला सेल में एक कमरे को शांति कक्ष बना दिया गया है. इसका शुभारंभ कवर्धा जिले के एसपी डॉ. लाल उमेंद सिंह ने किया है. इस कक्ष को शुरू करने के पीछे मकसद है कि यहां पर शांति से घरेलू विवाद और पति-पत्नी के झगड़े को सुलझाया जा सके. अगर संभव हो तो दोनों के बीच से विवाद को खत्म किया जा सके. यही वजह है कि कक्ष में नीचे बैठने की व्यवस्था की गई है. कमरे में कपूर जलाया जाएगा. मन को शांत करने, ध्यान करने धीमी आवाज में योग करने वाले गीत बजेंगे.
पहले कराया जाएगा मेडिटेशन
जानकारी के मुताबिक थाने पहुंचे दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के पहले उनको मेडिटेशन रूम में लेजाकर उनका मेडिटेशन करवाया जाएगा. इसके बाद दोनों की समस्या को सुना जाएगा. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला सेल में पति-पत्नी के झगड़े के मामले आते हैं. कई बार दोनों गुस्से में होते हैं. गुस्से में रहने के कारण दोनों अपनी बात रखने के बाद अलग हो जाते हैं. इन्हीं गुस्से और झगड़े के कारण परिवार टूट जाता है. इसी वजह से इस कक्ष को बनाया गया है. ये सब करने से फायदा ये हो सकता है कि काउंसलिंग के पहले दोनों पक्ष शांति से अपनी बात रख सकेंगे और बिखरता हुआ परिवार फिर से एक हो जाये.

कैसे काम करती है महिला सेल
अक्सर देखा जाता है कि महिला सेल में पति-पत्नी के बीच झगड़े का विवाद वाले मामले ज्यादा आते हैं. इस सेल को क्राइम अगेंस्ट वूमेन सेल भी कहा जाता है. इस सेल का काम पति पत्नी के बीच में खराब रिश्तों को सेटलमेंट करवाना है. उनको ठीक करना होता है. ज्यादातर मामलों में दोनों के बीच सेटलमेंट कराने का प्रयास किया जाता है. अक्सर पुलिस प्रयास करती है कि काउंसलिंग करवाकर दोनों के रिश्तों को ठीक किया जा सके. अगर फिर भी बात नहीं बनती है तो फिर आरोपियों के खिलाफ थाने में केस दर्ज कराने का काम महिला सेल करती है.