जगदलपुर – पिछले साल बस्तर दशहरा पर्व लगभग 73 लाख के बजट में मनाया गया था। विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के लिए इस बार 85 लाख 75 हजार रुपए का बजट तय किया गया है। शासन से पैसे देने की मांग भी की गई है।धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने 25 लाख रुपए, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग ने 10 लाख रुपए एवं बस्तर जिला प्रशासन ने 38 लाख 5 हजार 693 रुपए प्रदान किए थे। हालांकि, बस्तर दशहरा समिति के ऊपर करीब 6 लाख रुपए का कर्ज भी है।
दरअसल, बस्तर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज की अध्यक्षता में जगदलपुर में समिति की बैठक हुई। इस बैठक में बस्तर राज परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव, विधायक रेखचंद जैन, कलेक्टर चंदन कुमार समेत अन्य मौजूद थे। बैठक में नए उपाध्यक्ष का मनोनयन किया गया। कर्रेकोट परगना के मंगरु मांझी ने बलराम मांझी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी मांझियों ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
सांसद दीपक बैज ने कहा कि, दशहरा देखने आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण के कारण बस्तर दशहरा का आयोजन एक बड़ी चुनौती थी लेकिन, बस्तर दशहरा समिति के सदस्यों और जिला प्रशासन की सतर्कता के कारण यह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। उन्होंने कहा कि, पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण के कारण जो लोग बस्तर दशहरा में शामिल नहीं हो पाए, वे इस साल निश्चित तौर पर बस्तर दशहरा में शामिल होंगे, जिससे भीड़ बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि, मावली परघाव के अवसर पर लोगों की उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इसके सजीव प्रसारण के व्यवस्था की आवश्यकता है। वहीं मावली मां की डोली का दर्शन इसके पश्चात् भी किया जा सकता है।
पुजारी, मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरिन के अनुभव का लाभ सदैव बस्तर दशहरा के आयोजन के समय मिलता रहा है। सभी जनप्रतिनिधि इसके बेहतर आयोजन के लिए सभी आवश्यक सहयोग प्रदान करने को तैयार हैं।