खूंटी के नक्सल प्रभावित गांव में सीआरपीएफ जवानों ने चलाया अभियान, लोगों से की तिरंगा फहराने की अपील
सुकमा – केंद्र सरकार के निर्देशानुसार 13 से 15 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा अभियान के तहत इन दिनों तिरंगा लगाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा के एक ऐसे इलाके में तिरंगा फहराया गया, जहां कभी हाथ पर तिरंगा रखने पर हाथ काटने तक की सजा मिलती थी. हर घर तिरंगा अभियान के तहत आज 165वीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा सुकमा जिले के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र जगरगुंडा में कंपनी कमांडर बी.एस बिष्ट के मार्गदर्शन में गांव-गांव में घूम कर हर घर तिरंगा अभियान के तहत तिरंगा फहराया गया.
यह वही गांव है जहां कभी ग्रामीण तिरंगा का नाम लेने से डरते थे, आज उस गांव में ग्रामीणों ने स्वयं तिरंगा लेकर पूरे गांव में भ्रमण कर तिरंगा यात्रा निकाली. तिरंगा यात्रा में ग्रामीणों को देश भक्ति एवं तिरंगा के प्रति प्रेम के बारे में सीआरपीएफ के द्वारा जानकारी दी गई. वहीं तिरंगा के सम्मान को लेकर सीआरपीएफ अधिकारी के द्वारा ग्रामीणों को जानकारी दी गई. इस कार्यक्रम में जगरगुंडा गांव के स्कूली बच्चे एवं ग्रामीण सहित 500 से ज्यादा संख्या में लोग उपस्थित रहे. वहीं तिरंगा यात्रा में शामिल होने के लिए सीआरपीएफ कमांडेंट के द्वारा सभी ग्रामीणों एवं स्कूली बच्चों को धन्यवाद दिया गया.
आजादी के 75 साल बाद रेल नेटर्वक से जुड़ा इलाका
इधर पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले का अंतागढ़ कस्बा आजादी के 75 साल बाद शनिवार को पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ा. रेल विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 235 किलोमीटर लंबी दल्लीराजहरा-रावघाट-जगदलपुर रेल परियोजना के तहत अंतागढ़ नगर पंचायत को अब राज्य की राजधानी रायपुर से रेल सेवा से जोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि रायपुर और दुर्ग से केवटी के मार्ग पर चलाई जा रही यात्री विशेष ट्रेन का विस्तार अंतागढ़ तक किया गया है. अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं कांकेर लोकसभा सीट से सांसद मोहन मंडावी ने शनिवार दोपहर अंतागढ़ रेलवे स्टेशन से यात्री ट्रेन को हरी झंडी दिखाई.
अधिकारी ने बताया कि इस दौरान कांग्रेस के नेता एवं अंतागढ़ विधानसभा सीट से विधायक अनूप नाग, पूर्व सांसद विक्रम उसेंडी और रेलवे एवं सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के अधिकारी भी मौजूद थे. अधिकारी ने बताया कि यह रेलगाड़ी रायपुर से रोजाना सुबह सुबह सवा नौ बजे रवाना होगी और दोपहर एक बजकर 25 मिनट पर अंतागढ़ पहुंचेगी. बाद में यह अंतागढ़ से दोपहर एक बजकर 35 मिनट पर प्रस्थान करेगी और अपराह्न चार बजकर 40 मिनट पर दुर्ग पहुंचेगी.