देश की राष्ट्रपति निर्वाचित हुईं द्रौपदी मुर्मू सोमवार को 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। इससे पहले रामनाथ कोविंद ने देशवासियों को विदाई भाषण दिया।
नई दिल्ली – भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद छोड़ने से एक दिन पहले रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। कोविंद ने अपने अनुभवों पर चर्चा करते हुए कहा, “अनेक देशवासियों से मिलने के बाद मेरा विश्वास दृढ़ हुआ कि हमारे लोग ही असली राष्ट्र निर्माता हैं। ऐसे महान देशवासियों के हाथ में हमारा भविष्य सुरक्षित है।”
राष्ट्रपति ने कहा, “जब अपने छोटे से गांव में एक बालक के तौर पर मैं अपने भविष्य को समझने की कोशिश कर रहा था, तब आजादी मिले कुछ ही समय हुआ था। मुझे उम्मीद थी कि मैं भी राष्ट्र निर्माण में कुछ योगदान करुंगा। यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि इसमें नागरिकों के लिए दरवाजे खुले हैं कि वह कुछ भी कर सकते हैं। हमारे पूर्वजों और हमारे आधुनिक राष्ट्र-निर्माताओं ने अपने कठिन परिश्रम और सेवा भावना के द्वारा न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्शों को चरितार्थ किया था। हमें केवल उनके पदचिह्नों पर चलना है और आगे बढ़ते रहना है।”
निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान समाज के सभी वर्गों से पूर्ण सहयोग, समर्थन और आशीर्वाद मिला। उन्होंने कहा, “कानपुर देहात के एक गांव का आदमी आज आपको संबोधित कर रहा है तो यह भारत के लोकतंत्र की जीवंतता का प्रमाण है। पीएम मोदी को लेकर कोविंद ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री जी भी मेरे गांव आए और उन्होंने गांव का मान बढ़ाया।”\
उन्होंने अपने कार्यकाल के पांच वर्षों को लेकर कहा कि इस दौरान मैंने अपनी पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है। मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर एस. राधाकृष्णन और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते बहुत सचेत रहा हूं।