75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा में शामिल होने के बाद बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी व मां मावली को मंगलवार को विदाई दी गई। मां मावली की डोली व मां दंतेश्वरी के छत्र की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। वहीं बस्तर के राजा कमलचंद भंजदेव ने सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार माता की डोली को स्वयं कंधे पर उठाया और नगर परिक्रमा करवाई गई। इस मौके पर बस्तर सांसद व दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज भी मौजूद थे। परंपरा के अनुसार माता की डोली व छत्र को विदा किया गया। जवानों ने हर्ष फायर कर सलामी दी है। वहीं डोली के साथ आए पुजारी, सेवादारों को भी भेंट दी गई।
बस्तर के राजा कमलचंद भंजदेव ने बताया कि, शारदीय नवरात्रि के पंचमी के दिन मैं खुद परंपरा के अनुसार दंतेवाड़ा में स्थित मां दंतेश्वरी के मंदिर गया था। मां दंतेश्वरी और मां मावली की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना कर बस्तर दशहरा में शामिल होने के लिए माता को निमंत्रण दिया था। अष्टमी के दिन माता की डोली वह छात्र दंतेवाड़ा से जगदलपुर लाया गया था। जगदलपुर में मावली परघाव की रस्म अदा की गई थी। साथी आज परंपरा के अनुसार माता की डोली व छत्र को दंतेवाड़ा के लिए विदा किया गया है। माता की विदाई के बाद 75 दिनों तक चलने वाले बस्तर दशहरे का समापन हो गया है।
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बरसाए फूल
जगदलपुर में माता की डोली व छत्र की नगर परिक्रमा करवाई गई। इस दौरान हजारों की संख्या में क्षेत्र के लोग उपस्थित थे। जिन्होंने माता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस बीच ईद मिलादुन्नबी के मौके पर मुस्लिम समुदाय के युवकों ने भी मां दंतेश्वरी व मां मावली की डोली पर फूल बरसाए। माता रानी से उन्होंने आशीर्वाद लिया। जगह-जगह पर मुस्लिम समुदाय के द्वारा माता के स्वागत की तैयारियां की गई थी। मुस्लिम समुदाय के युवकों के इस स्वागत सत्कार को लेकर बस्तर के राजा ने भी इन्हें धन्यवाद कहा है।
दंतेवाड़ा में स्वागत की तैयारियां जोरों पर
बस्तर दशहरा में शामिल होने के बाद माता की घर वापसी को लेकर दंतेवाड़ा में भी माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो गया है। जगह-जगह स्वागत की तैयारी की जा रही है। बताया जा रहा है कि, मंगलवार की देर रात माता की डोली व छत्र दंतेवाड़ा पहुंचेगा। वहीं मां दंतेश्वरी म्यूजिक ग्रुप के द्वारा जिला मुख्यालय के आंवराभाटा में जगराता का भी आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही सड़कों की साफ-सफाई व धुलाई का कार्य जोरों पर किया जा रहा है।