नई दिल्ली – वक्फ कानून के समर्थन और विरोध के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका और विधायिका को लेकर नई बहस छेड़ दी है. वहीं अब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने शनिवार (19 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट को लेकर बड़ा बयान दे दिया. उन्होंने कहा कि कानून अगर शीर्ष अदालत ही बनाएंगी तो संसद भवन को बंद कर देना चाहिए.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “देश में धार्मिक युद्ध भड़काने के लिए केवल सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है. सुप्रीम कोर्ट अब अपनी सीमाओं से बाहर जा रहा है. अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है तो संसद और विधानसभा बंद कर देनी चाहिए. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना इस देश में हो रहे सभी गृहयुद्धों के लिए जिम्मेदार हैं.
‘राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश को करते हैं नियुक्त’
दुबे ने आगे कहा, “आप अपॉइंटिंग अथॉरिटी को निर्देश कैसे दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्त करते हैं. संसद इस देश का कानून बनाती है. आपने नया कानून कैसे बनाया? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला करना है? इसका मतलब है कि आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं. जब संसद बैठेगी तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी.”
निशिकांत दुबे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में सुनवाई चल रही है अधिनियम को इस महीने की शुरूआत में संसद ने पारित किया था. न्यायालय द्वारा इस कानून के कुछ विवादास्पद प्रावधानों पर सवाल उठाए जाने के बाद केंद्र सरकार ने अगली सुनवाई तक उन्हें लागू न करने पर सहमति व्यक्त की है.
उपराष्ट्रपति के बयान से छिड़ी बहस
राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल में समयसीमा निर्धारित किये जाने पर भी बहस शुरू हो गई है उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शीर्ष अदालत के इस निर्णय से असहमति जताई है. वहीं दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने शीर्ष अदालत के उक्त निर्देश के साथ-साथ वक्फ (संशोधन) अधिनियम मामले में उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही की सराहना की है
निशिकांत दुबे मजबूती से रखते हैं बीजेपी का पक्ष
झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे अक्सर लोकसभा में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बीजेपी के राजनीतिक हमलों में अग्रणी भूमिका में रहते हैं और विभिन्न मुद्दों पर सत्तारूढ़ पार्टी का रुख स्पष्टता से सदन में रखते हैं.