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रुकी शिक्षक भर्ती शुरू:14 हजार युवाओं को अब मिलेगी सरकारी नौकरी, 25 अगस्त तक सभी की ज्वाइनिंग और पोस्टिंग से जुड़े काम हो जाएंगे पूरे

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छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 अगस्त तक शिक्षकों की पोस्टिंग और ज्वाइनिंग की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश जारी किए हैं। लोक शिक्षण संचालनालय की तरफ से 14 हजार 580 पदों पर सीधी भर्ती के संबंध में सभी संभागीय संयुक्त संचालक और जिला शिक्षा अधिकारियों को ये आदेश भेजा है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि स्कूल खुल जाने की वजह से अब शिक्षकों की भर्ती से जुड़ी सभी प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। दरअसल दो साल पहले ही इन पदों पर भर्ती हो चुकी थी, लेकिन शिक्षकों को ज्वाइनिंग और पोस्टिंग नहीं मिलने के कारण मामला अटका हुआ था। लगातार चयनित शिक्षक धरना प्रदर्शन हड़ताल कर रहे थे।

इन जगहों पर पोस्टिंग को प्राथमिकता
आदेश में अफसरों से कहा गया है कि जहां एक टीचर हों या टीचर ही न हों स्कूल नया शुरू किया गया हो। ऐसी जगहों पर पोस्टिंग को प्राथमिकता दी जाएगी। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि दिव्यांग और महिला शिक्षकों को सुविधाजनक स्थान के स्कूल में पदस्थ करें। हर शिक्षक को नियुक्ति आदेश मिलेगा। पोस्टिंग में सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्र की शालाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

सड़क पर कराया मुंडन लोगों के जूते भी पॉलिश किए
अब सरकार के इस फैसले से 14 हजार से ज्यादा परिवारों में खुशी है। बीते 1 जुलाई को सरकार और इस भर्ती के लिए चुने हुए शिक्षक आमने-सामने थे। रायपुर के धरना स्थल पर प्रदेश स्तर का विरोध प्रदर्शन किया गया था। तब सड़क पर शिक्षक जूते पॉलिश करते नजर आए थे। प्रदेशभर से आए ये शिक्षक मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए निकले थे। रास्ते में ही बैरिकेडिंग कर पुलिस ने रोक लिया तो नाराज होकर वहीं मुंडन कराने बैठ गए। B.Ed. संघ के बैनर तले सड़क पर आए शिक्षक यह मांग करते रहे कि इन्हें जल्द से जल्द स्कूलों में नियुक्ति दी जाए।

2019 में सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए सरकार ने 14580 युवाओं को चुना मगर अब तक नियुक्ति नहीं दी गई थी। करीब ढाई साल से नौकरी दिए जाने की मांग की जा रही थी। छत्तीसगढ़ के प्रशिक्षित डीएड-बीएड संघ संगठन के प्रमुख दाउद खान ने बताया कि प्रदेश में 14 हजार 580 शिक्षकों का चयन हो चुका है मगर भर्ती नहीं होने से काफी परेशानी थी। अब हालात कुछ सुधरेंगे ऐसी उम्मीद की जा सकती है। इससे पहले सभी शिक्षक किसी न किसी प्राइवेट स्कूल में नौकरी कर रहे थे। लॉकडाउन में सभी शिक्षकों की माली हालत और भी खराब हो गई थी। मगर तब सरकार ने ध्यान नहीं दिया था।