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मोदी के मन की बात:PM ने कहा- वैक्सीन लगवाएं, अफवाहों पर ध्यान न दें; मेरी 100 साल की मां ने भी दोनों डोज लिए

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो पर मन की बात प्रोग्राम के जरिए देश को संबोधित किया। यह कार्यक्रम मोदी सरकार 2.0 का 25वां और ओवरऑल 78वां एपिसोड था। PM ने मध्यप्रदेश के बैतूल के एक गांव के लोगों से बात की। लोगों ने उन्हें बताया कि हमारे यहां कोरोना वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि इससे मौत हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा हमें भ्रम नहीं फैलने देना है। मैंने वैक्सीन के दोनों डोज लगवा लिए हैं। मेरी मां ने 100 साल की उम्र में वैक्सीन के दोनों डोज लगवाए हैं। हमारे देश के 20 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वैक्सीन ली है। ऐसा कुछ भी नहीं है। आप भी वैक्सीन लगवाइए और बाकियों को भी प्रेरित करिए।

वायरस बहरूपिया, वैक्सीन ही बचाएगी
बैतूल के गांव में रहने वाले किशोरी लाल से PM मोदी ने पूछा कि आपने भी वैक्सीन पर फैलाए जा रहे भ्रम के बारे में सुना है क्या? किशोरी लाल ने जवाब दिया कि रिश्तेदार बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों की मौत हो जाती है। इस पर मोदी ने कहा कि इन अफवाहों पर ध्यान नहीं देना। हमें जिंदगी बचानी है, लोगों को बचाना है, देश को बचाना है। यह बीमारी बहरूपिए की तरह है। यह रंग रूप बदलकर हमला करती है।

उन्होंने आगे कहा कि वैक्सीन हमारा हथियार है। हमारे वैज्ञानिकों ने बड़ी मेहनत करके वैक्सीन बनाई है। इस अभियान में माताओं-बहनों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जोड़ना चहिए।

आदिवासी भाइयों की सूझबूझ बनेगी केस स्टडी
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-ना-कभी, ये विश्व के लिए केस स्टडी का विषय बनेगा कि भारत के गांव के लोगों ने, हमारे वनवासी आदिवासी, भाई-बहनों ने, इस कोरोना काल में, किस तरह अपने सामर्थ्य और सूझबूझ का परिचय दिया। गांव के लोगों ने क्वारैंटाइन सेंटर बनाए। किसी को भूखा नहीं सोने दिया, खेती का काम भी रुकने नहीं दिया। नजदीक के शहरों में दूध-सब्जियां, ये सब हर रोज पहुंचता रहे, ये भी गांवों ने सुनिश्चित किया, यानी खुद को संभाला, दूसरों को भी संभाला।

मिल्खा सिंह को याद किया
मिल्खा सिंह को याद करते हुए मोदी ने कहा कि उनके जैसे महान एथलीट को कौन भूल सकता है। कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया। जब वे अस्पताल में थे, तो मैंने उनसे बात की थी। उनसे आग्रह किया था कि आपने 1964 में टोक्यो ओलिंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार ओलिंपिक के लिए टोक्यो जा रहे एथलीट्स का मनोबल बढ़ाइए।

2014 में सूरत आए थे मिल्खा सिंह
मोदी ने कहा कि मिल्खा सिंह खेल को लेकर इतना समर्पित थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी, लेकिन दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था। 2014 में वे सूरत आए थे। हम लोगों ने एक नाइट मैराथन का उद्घाटन किया था। उस समय उनसे खेलों के बारे में जो बात हुई, उससे मुझे भी बहुत प्रेरणा मिली थी। हम सब जानते हैं कि मिल्खा सिंह जी का पूरा परिवार स्पोर्ट्स को समर्पित रहा है, भारत का गौरव बढ़ाता रहा है। टोक्यो जा रहे हमारे ओलिंपिक दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है।

टोक्यो ओलिंपिक में जा रहे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएं
मोदी ने टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का उत्साह भी बढ़ाया। उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ियों का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है। वो सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहे, बल्कि देश के लिए जा रहे हैं। सभी को सलाह है कि जाने-अनजाने में भी हमारे इन खिलाड़ियों पर दबाव न बनाएं। खुले मन से उनका साथ दें।

उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया पर आप #Cheer4India के साथ अपने इन खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दे सकते हैं। आप कुछ और भी इनोवेटिव करना चाहें, तो वो भी जरूर करें। अगर आपको कोई ऐसा विचार आता है जो हमारे खिलाड़ियों के लिए देश को मिलकर करना चाहिए, तो वो आप मुझे जरूर भेजिएगा।

बारिश के पानी से सुधरता है जलस्तर
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में बारिश के पानी के सरंक्षण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बारिश का पानी जमीन के जलस्तर को सुधारता है। इसलिए मैं जल संरक्षण को देश सेवा का ही एक रूप मानता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में कहा गया है, ‘नास्ति मूलम् अनौषधम्, अर्थात पृथ्वी पर ऐसी कोई वनस्पति ही नहीं है, जिसमें कोई न कोई औषधीय गुण न हो। सतना के रामलोटन कुशवाहा का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने अपने खेत में एक देशी म्यूजियम बनाया है। वहां उन्होंने सैकड़ों औषधीय पौधों और बीजों का संग्रह किया है।