कोविड संक्रमण को रोकने के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की
सुनील खोब्रागढे (विशेष प्रतिनिधि )
बालाघाट।- जबलपुर संभाग के कमिश्नर श्री बी चन्द्रशेखर ने आज 14 जून को बालाघाट प्रवास के दौरान कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिकारियों एवं चिकित्सकों की बैठक लेकर जिले में कोविड संक्रमण को रोकने के लिए किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कोरोना की तिसरी लहर के लिए की जा रही तैयारियों की जानकारी भी ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में कलेक्टर श्री दीपक आर्य, सहायक कलेक्टर श्री दलीप कुमार, अपर कलेक्टर श्री शिवगोविंद मरकाम, एसडीएम श्री के सी बोपचे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय, सिविल सर्जन डॉ अजय जैन, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ परेश उपलप, डॉ निलय जैन एवं शिशुरोग विशेषज्ञ उपस्थित थे।
कमिश्नर श्री चन्द्रशेखर ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे कोविड टेस्ट की प्रतिदिन की संख्या 1200 से कम न होने दें। हर दिन आरएटी एवं आरटीपीसीआर टेस्ट कम से कम 1200 की संख्या में होना चाहिए, भले ही कोरोना पाजेटिव मरीजों की संख्या बहुत कम या शून्य आ रही हो। उन्होंने कोविड वैक्सीन टीकाकरण की संख्या तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिले के जिन क्षेत्रों में कम टीकाकरण हुआ है वहां पर जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाया जाये और इसमें स्वयं सेवी सामाजिक संस्थाओं की मदद ली जाये।
कोरोना संक्रमण की तिसरी लहर की चर्चा करते हुए कहा उन्होंने कहा कि जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्रों्य एवं जिला चिकित्सालय में आक्सीजन एवं बेड की प्रर्याप्त व्यवस्था कर ली जाये। दवाओं, मास्क, ग्लवस का तीन माह का स्टाक रखें। जरूरी उपकरणों का पर्याप्त इंतजाम कर लिया जाये। अस्पतालों में वार्ड बाय एवं नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में हमें जिन कमियों से जूझना पड़ा है उन्हें तिसरी लहर के लिए अभी से दूर कर लें और इस दौरान हमें जो अनुभव हुए हैं, उनसे सीख लेकर काम करें। सभी चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ में अच्छा समन्वय रहना चाहिए।
बैठक में बताया गया कि बालाघाट जिले में वर्तमान में कोरोना के एक्टिव केस 29 है। जिले में 02 लाख 94 हजार 456 लोगों को कोविड वेक्सीन का टीका लगाया जा चुका है। जिले में ब्लैक फंगस के तीन मरीज आये थे। जिले में कोरोना की तिसरी लहर से निपटने के लिए आक्सीजन प्लांट बनाये जा रहे है और जरूरी दवाओं का स्टाक किया जा रहा है।