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जिला चिकित्सालय में शुरू की जायें प्लाज्मा थेरेपी प्रक्रिया विधायक गौरीशंकर बिसेन ने की सीएस से चर्चा, तैयारी में जुटा अस्पताल प्रबंधन

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हमारे प्रतिनिधि दीपेश मोहारे की रिपोर्ट


बालाघाट- कोरोना मरीजों के ईलाज में कारगर मानी जाने वाली प्लाज्मा थेरेपी को लेकर बालाघाट जिला चिकित्सालय में इसका प्रबंध किये जाने के निर्देश सिविल सर्जन को पूर्व मंत्री एवं विधायक ने दिये है, ताकि वर्तमान में कोविड मरीजो को प्लाज्मा थेरेपी के लिए गोंदिया और नागपुर जाने में होने वाली समस्या से निजात मिल सकें और अनावश्यक परिवहन का बोझ न पड़े। बताया जाता है कि पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन की सिविल सर्जन से चर्चा के बाद अस्पताल प्रबंधन जिला चिकित्सालय में प्लाज्मा थेरेपी को करवाने की प्रक्रिया में जुट गया है और आगामी एक माह में इसकी पूरी व्यवस्था हो जाने के बाद बालाघाट जिला चिकित्सालय में प्लाज्मा थेरेपी प्रक्रिया प्रारंभ हो जायेगी। जिससे जिले के कोविड मरीजो को प्लाज्मा थेरेपी के लिए गोंदिया और नागपुर नहीं जाना पड़ेगा।
देश में कोरोना की लहर हर रोज कहर बरपा रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड्स और दवाइयों की आपूर्ति के बाद अब कोविड संक्रमित मरीजों को ठीक करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी की मांग हो रही है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते अब अस्पतालों में कई तरह के मेडिकल रिसोर्सेस की मांग तेज हो गई है। अस्पतालों में कोविड मरीजों के ईलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी की डिमांग भी काफी बढ़ गई है। देश के कई डॉक्टर्स कोरोना से ठीक हो चुके लोगों से आगे आकर दूसरे संक्रमित पीड़ितों की प्लाज्मा देकर सहायता देने की अपील कर रहे हैं। प्लाज्मा थेरेपी को कायलसेंट प्लाज्मा थेरेपी भी कहा जाता है। इसमें कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर से प्लाज्मा निकालकर संक्रमित व्यक्ति की बॉडी में इंजेक्शन की मदद से इंजेक्ट किया जाता है। बता दें कि कोविड से ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा में एंटीबॉडीज बन जाते हैं जो दूसरे संक्रमित व्यक्ति के लिए भी मददगार हो सकते हैं।
तमाम शोध से पता चला है कि यह प्लाज्मा थेरेपी कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को उबरने में मदद करता है और मरीज की अस्पताल में भर्ती होने की ड्यूरेशन को भी कम करता है। कोरोना के बढ़ते कहर को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने प्लाज्मा डोनेट के लिए मंजूरी है और साथ ही कुछ गाइडलाइड भी जारी की हैं। कोविड के प्रकोप के बीच प्लाज्मा थेरेपी इफेक्टिव साबित हुई है लिहाजा इसकी अस्पतालों में डिमांड होने लगी है। जानकार चिकित्सकों की मानें तो जो गम्भीर मरीजों में भी अच्छे परिणाम देखने में आये हैं उन्हें प्लाज्मा थेरेपी देने के बाद मरीजों में काफी सुधार देखा गया है खासकर युवा व उम्रदराज मरीजों में भी प्लाज्मा के बेहतर परिणाम सामने आये हैं।
बड़ी संख्या में ठीक हो चुके संक्रमित मरीज प्लाज्मा दान कर सकते है
बताया जाता है कि कोरोना वायरस से ठीक होने के 14 दिन बाद एंटीबॉडीज बनने लगती हैं। इनकी जांच करने के बाद चार महीने के अंतराल में प्लाज्मा दान किया जा सकता है, इसको मरीज को लगाने से एंटीबॉडीज वायरस के प्रभाव को कम करने लगते हैं। चूंकि बालाघाट में कोरोना वायरस के कहर के बाद बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए है और उपचार के बाद स्वास्थ्य होकर घर भी लौटे है, ऐसे में यदि वह प्लाज्मा दान करने सामने आते है तो इनके प्लाज्मा दान से गंभीर कोरोना संक्रमित मरीजों को बचाया जा सकता है। यदि बालाघाट जिला चिकित्सालय में प्लाज्मा थेरेपी को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है तो निश्चित ही इसका लाभ जिले में कोरोना संक्रमण से जूझ रहे गंभीर मरीजों को मिल पायेगा। जिसे देखते हुए पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन ने सिविल सर्जन से जिला चिकित्सालय में प्लाज्मा थेरेपी प्रारंभ किये जाने के निर्देश दिये है। हाल ही में जिले में प्लाज्मा दान करने के लिए आयोजित शिविर में कोरोना संक्रमण के बाद स्वास्थ्य हो चुके लगभग 90 लोगों ने प्लाज्मा दान करने के लिए अपनी जांच करवाई थी।
लोगों को मिलेगी राहत
कोरोना संक्रमण काल में बेड, ऑक्सीजन और दवाओं के बाद प्लाज्मा थेरेपी की मांग तेजी से उठने लगी है। बालाघाट जिले के कई परिवार अपने कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी करवाने के लिए गोंदिया और नागपुर लेकर जा रहे है, ऐसे में यदि पूर्व मंत्री एवं विधायक के प्रयास से जिला चिकित्सालय में प्लाज्मा थेरेपी प्रारंभ हो जाती है तो बालाघाट के लोगों को गोंदिया और नागपुर में प्लाज्मा थेरेपी कराने जाने से मुक्ति मिल जायेगी और लोगों को राहत मिलेगी।
एक टेक्निशियन प्रशिक्षित, दूसरा प्रशिक्षण लेने जबलपुर रवाना
पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन से चर्चा के दौरान सिविल सर्जन डॉ. अजय जैन ने बताया कि जिला चिकित्सालय में प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी। जिसके लिए प्रशिक्षित लेब टेक्निशियन की आवश्यकता होगी। जिसमें एक टेक्निशियन प्रशिक्षित है, जबकि दूसरे टेक्निशियन को प्रशिक्षण के लिए जबलपुर भिजवाया जा रहा है, जिसके प्रशिक्षण लेकर आने के बाद प्लाज्मा थेरेपी प्रक्रिया को प्रारंभ करवा दिया जायेगा।
जिले में कोरोना संक्रमितो को सर्वसुविधा दिलाने हम प्रयासरत-बिसेन
पूर्व मंत्री एवं विधायक गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि बालाघाट जिले में कोरोना अभी थमा नहीं है, भले ही पॉजिटिवविटी रेट कम हुआ है लेकिन अब भी हमें कोरोना से बचाव को लेकर जारी गाईडलाईन का पालन करने की जरूरत है, तभी हम कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने में कामयाब हो पायेंगे। जिसके लिए जरूरी है कि सभी नियमों का सख्ती से पालन करें और अनावश्यक कार्यो को पूरी तरह से टालकर शासन, प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा कि बालाघाट जिले में कोरोना संक्रमितो को उपचार की सभी सुविधा मिले, इसके लिए हम हमेशा से प्रयासरत है। जिस दिशा में तेजी से काम भी काम कर रहे है, जहां विधायक निधि से सौ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जिले में मरीजों के उपचार के लिए उपलब्ध करवाये गये है, वहीं जिला चिकित्सालय में केन्द्र और राज्य सरकार के सहयोग से ऑक्सीजन प्लांट का काम अंतिम दौर में है, अब हमारा प्रयास है कि प्लाज्मा थेरेपी को जिला चिकित्सालय में प्रारंभ करवाये जायें, ताकि जिले के लोगों को प्लाज्मा थेरेपी के गोंदिया और नागपुर जाने की जरूरत न पड़े। जिसके कारण होने वाले परिवहन खर्च और समस्या से उन्हें राहत मिल सकें। जिला चिकित्सालय में प्लाज्मा थेरेपी के लिए सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया है, जिसमें जो भी आवश्यक संसाधन की आवश्यकता होगी। उसकी कमी नहीं होने दी जायेगी।