बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) हाई कोर्ट (High Court) ने भ्रष्टाचार (Corruption) के एक मामले में गुरुवार को बड़ा आदेश दिया है. फर्जी एनजीओ (NGO) बनाकर करीब 1 हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने के मामले में कोर्ट ने प्रदेश के 12 अफसरों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने के आदेश सीबीआई (CBI) को दिए हैं. इन अफसरों में 6 आईएएस (IAS) भी शामिल हैं. इनमें से कुछ अफसर अब रिटायर्ड भी हो चुके हैं.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रिटायर्ड और वर्तमान अधिकारियों द्वारा फर्जी एनजीओ (NGO) बनाकर कर्मचारियों के नाम से करोड़ों रुपयों का फर्जीवाड़ा करने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. इसी याचिका पर आज हाई कोर्ट (High Court) जस्टिस प्रशांत मिश्रा के डिवीजन बेंच से एक बड़ा फैसला दिया है. हाई कोर्ट ने इसमें 1 हजार करोड़ का घोटाला होना पाया. कोर्ट ने सीबीआई को एक बड़ा आदेश देते कहा है कि एक सप्ताह के अंदर सारे दोषी अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें. उसके बाद 15 दिनों के भीतर मामले से संबंधित ओरिजनल दस्तावेजों को सीज करें.
कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रखा था. सांकेतिक फोटो.
फैसले को रखा था सुरक्षित
बता दें कि इसी साल 30 अप्रैल की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद हाई कोर्ट एक्टिंग चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच ने आदेश के फैसले को सुरक्षित रख लिया था. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता देवर्षी ठाकुर ने बताया था कि मामले की सुनवाई में चीफ जस्टिस ने कहा था कि करप्शन का रास्ता सिर्फ एक जगह जाना चाहिए वो है दंड या जेल.
2004 में बनी थी संस्था
बता दें कि रायपुर के कुशालपुर में रहने वाले कुंदन सिंह ठाकुर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि प्रदेश में रिटायर्ड और वर्तमान अफसरों ने 2004 में एक संस्था बनाई थी. राज्य श्रोत निशक्त जन संस्थान के नाम से बनी संस्था का माना में संचालित होना बताया गया था. कुंदन का आरोप है कि वर्तमान एवं रिटायर्ड अधिकारियों ने उसके अलावा ऐसे कई कर्मचारियों के नाम पर हर महीने लाखो की सैलरी निकाल ली है, जो उन्हें पता भी नहीं है. इसके अलावा उपकरणों के मरम्मत के नाम पर भी पैसे निकाले गए हैं. संस्था मौके पर नहीं है. इसे सिर्फ कागजों पर ही संचालित किया जाता रहा है.
सीबीआई को संबंधित अफसरों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश हैं.
इनके खिलाफ होगी एफआईआर
रायपुर के रहने वाले कुंदन सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें बताया गया था कि राज्य के 6 आईएएस अफसर आलोक शुक्ला, विवेक ढांड, एनके राउत, सुनील कुजूर, बीएल अग्रवाल और पीपी सोती समेत सतीश पांडेय, राजेश तिवारी, अशोक तिवारी, हरमन खलखो, एमएल पांडेय और पंकज वर्मा ने फर्जी संस्थान स्टेट रिसोर्स सेंटर (एसआरसी) (राज्य स्रोत निशक्त जन संस्थान) के नाम पर 630 करोड़ रुपए का घोटाला किया है. बाद में जांच के दौरान घोटाले की रकम और अधिक होनी पाई गई. इन अफसरों के खिलाफ ही हाई कोर्ट ने सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.