कहीं जाते समय अक्सर आप देखते होंगे कि सड़क किनारे लगे पेड़ों की जड़ों के ऊपर सफेद और लाल रंग से पेंट किया हुआ रहता है, लेकिन क्या कभी आपने इसके बारे में सोचा है कि ऐसा क्यों किया जाता है? दरअसल, इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे.
पेड़ों के निचले हिस्से में पेंट करने का यह तरीका काफी पुराना है. इसके पीछे उद्देश्य होता है हरे-भरे पेड़ों को और ज्यादा मजबूती देना. आपने देखा होगा कि पेड़ों में दरारें आ जाती हैं और उनकी छाल निकलने लगती है, जिसकी वजह से पेड़ कमजोर हो जाते हैं. इसीलिए उन्हें पेंट कर दिया जाता है, ताकि उनकी मजबूती बनी रहे और पेड़ों की उम्र लंबी हो.
पेड़ों को पेंट करने के पीछे एक उद्देश्य यह भी है कि उनमें दीमक या कीड़े नहीं लगते, क्योंकि ये कीड़े किसी भी पेड़ को अंदर से खोखला कर देते हैं, लेकिन पेंट करने की वजह से पेड़ों में कीड़े नहीं लगते हैं, जिससे वो सुरक्षित रहते हैं.
पेड़ों को पेंट करने से उनकी सुरक्षा में भी सुधार होता है. यह इस बात का संकेत होता है कि वो पेड़ वन विभाग की नजर में हैं और उनकी कटाई नहीं की जा सकती है.
कुछ जगहों पर पेड़ों को रंगने के लिए केवल सफेद पेंट का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कई जगहों पर लाल और नीले रंगों का भी उपयोग किया जाता है.
राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क के किनारे के पेड़ों को भी सफेद रंग से रंगा जाता है, ताकि रात के अंधेरे में भी ये पेड़ अपनी चमक के कारण आसानी से दिख सकें.