छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर स्थित तेलीजोर गांव के पास स्टेट हाईवे पर एक हाथी आ कर खड़ा हो गया। इससे वाहनों की आवाजाही कुछ देर के लिए थम गई। हालांकि, सुबह का वक्त होने की वजह से ट्रैफिक जाम होने की स्थिति निर्मित नहीं हुई। सुबह-सुबह खेत और जंगल की ओर जा रहे ग्रामीणों ने हाथ को देखकर जान बचाकर सरपट भागे। जंगली हाथी के विचरण से दहशत फैल गया। हाथी को खदेड़ने के लिए हल्ला करते नजर आए। इसका वीडियो, सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक तपकरा वन परिक्षेत्र में इन दिनों 37 हाथी दो दलों में विचरण कर रहे हैं। रेडियो कॉलर पहने हुआ गौतमी दल इन दिनों ओडिशा के तेलीजोर के जंगल में डेरा जमाए हुए हैं। तेलीजोर गांव, छत्तीसगढ़ की सीमा में बसे लवाकेरा से महज सौ मीटर की दूरी पर स्थित है। शनिवार की सुबह इस गांव में गुलाबी ठंड से बचने के लिए धूप में निकले तो सामने का दृश्य देखकर उनके रोंगटे खड़े हो गए।
वन्य क्षेत्र से निकलकर एक हाथी स्टेट हाईवे विचरण कर रहा था। यह हाथी तकरीबन आधा घंटा तक सड़क में ही खड़ा रहा। ग्रामीणों की नजर जैसे ही इस हाथी पर पड़ी उसे भगाने के लिए हल्ला करने लगे। शोर सुनकर जंगल की ओर जाने के बजाय दंतैल हाथी सड़क के बीच में आ कर खड़ा हो गया। दिनदहाड़े जंगली हाथी के गांव में घुस आने की खबर सुनकर ग्रामीणों की भीड़ जुटने लगी। भीड़ को देखकर हाथी, सड़क से निकलकर पास के जंगल में घुस गया। इससे स्थानीय ग्रामवासियों ने राहत की सांस ली।
37 हाथियों ने फसल को पहुंचाया भारी नुकसान
वन विभाग के दैनिक प्रतिवेदन के मुताबिक इस वक्त तपकरा वन परिक्षेत्र में 37 हाथी दो दलों में विचरण कर रहे हैं। इन हाथियों ने 24 घंटे के अंतराल में 15 किसानों के फसलों को रौंदा है। सूचना पर विभाग के कर्मचारी मुआवजा प्रकरण तैयार करने में जुटे हुए हैं। जानकारों के अनुसार खेतों में धान की तैयार फसल होने की वजह से हाथियों का झुंड इन दिनों बस्ती में नहीं घुस रहा है। खेतों में ही भरपूर भोजन मिल रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में कटाई के बाद धान के खलिहान में भंडारण होने पर हाथी,बस्ती की ओर रूख कर सकते हैं। जिससे जनहानि का आंकड़ा तेजी से बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।