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यहाँ रेलवे स्टेशन पर चूहे पकड़ने के लिए हर दिन 166 कर्मचारियों की तैनाती, खर्च होते हैं 1.45 लाख रुपये, अब तक 10.56 करोड़ रुपये खर्च

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देश का एक रेलवे स्टेशन चूहों से इस कदर परेशान है कि रोज चूहे पकड़ने के लिए 166 कर्मचारी लगाए जाते हैं. इतना ही नहीं चूहे पकड़ने की कार्रवाई में रोजाना 1.45 लाख रुपये भी खर्च किए जाते हैं. इन आंकड़ों से आप चौंक सकते हैं, लेकिन यह हकीकत है. भारतीय रेलवे के सेंट्रल ज़ोन का नागपुर स्टेशन इस भीषण समस्या से जूझ रहा है. बीते 2 साल (730 दिन) में इस स्टेशन पर चूहों से निपटने में 10.56 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं. आरटीआई (RTI) अर्जी पर मिले जवाब से इसका खुलासा हुआ है.

देशभर में चूहों से जूझ रहे रेलवे की परेशानी किसी से छिपी नहीं है. भारतीय रेलवे का एकाध ही स्टेशन ऐसा होगा जहां चूहों पर पानी की तरह से पैसा न बहाया जा रहा हो. नागपुर रेलवे स्टेशन की हालत तो चेन्नई से भी बुरी नजर आ रही है.

सुबह से शाम तक चूहे पकड़ते हैं 166 कर्मचारी

नागपुर डिवीजन ऑफिस ने आरटीआई में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बताया है कि नागपुर रेलवे स्टेशन पर 8 प्लेटफार्म, 10 ट्रैक (रेलवे लाइन) और कई तरह के ऑफिस भी हैं. प्लेटफार्म और रेलवे ट्रैक सहित सभी कार्यालयों को चूहों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए हर रोज कुछ कर्मचारियों की तैनाती की जाती है. प्लेटफार्म नम्बर एक पर सबसे ज्यादा 10 कर्मचारी लगाए जाते हैं. इसके अलावा 2-3 पर 9 कर्मचारी और 6-7 पर 8 कर्मचारी लगाए जाते हैं. वहीं, ट्रैक नम्बर 1-4 पर 10, 5-6 पर 9 कर्मचारी आदि लगाए जाते हैं.

देशभर में रेल विभाग चूहों की परेशानी से जूझ रहा है.

1.45 लाख रुपये रोज खर्च करता है नागपुर स्टेशन

नागपुर से मिली आरटीआई में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि हर रोज प्लेटफार्म, रेलवे ट्रैक और आफिसों में चूहों से निपटने के लिए कितने रुपये रोज खर्च किए जाते हैं. सबसे ज्यादा खर्च प्लेटफार्म नम्बर एक पर 12,137 रुपये खर्च किए जाते हैं. इसी तरह से दूसरे प्लेटफार्म, ट्रैक और आफिसों में भी चूहों से निपटने पर खर्च किए जाते हैं. आरटीआई अर्जी पर दिए गए जवाब के अनुसार, बीते 2 साल यानि 730 दिन में नागपुर स्टेशन चूहों से निपटने पर 10.56 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है.