अपनी मधुर आवाज से सभी को अपना दीवाना बनाने वाली सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर की गायिकी का एक ऐसा दीवाना है, जिसने अभी तक शादी नहीं की है और आगे भी शादी करने का उसका कोई विचार नहीं है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मेरठ में रहने वाले गौरव शर्मा, लता मंगेशकर के डाय हार्ड फैन हैं.
गौरव के पास हर वो किताब है, जो कि लता मंगेशकर पर लिखी गई है. इतना ही नहीं उनके पास वे किताबें भी हैं, जो कि पाकिस्तानी और ऑस्ट्रेलियन राइटर्स ने लिखी हैं. इसके अलावा महान सिंगर के सम्मान में उन्होंने स्कूलों में छह ‘लता वाटिका’ का निर्माण कराया है, जहां पर हजारों पेड़ों को लगाया गया है.
पहली बार 6 साल की उम्र में सुनी लता की आवाज
सबसे खास बात यह है कि 36 वर्षीय ने हमेशा सिंगर रहने का निर्णय लिया है, क्योंकि उनका कहना है कि उनकी जिंदगी में किसी अन्य महिला की जगह नहीं है. गौरव शर्मा उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग में स्पेशल एजुकेटर हैं. वे जब 6 साल के थे, तब उन्होंने पहली बार लता मंगेशकर की आवाज सुनी थी और अपनी पूरी जिंदगी उनके नाम समर्पण कर दी.
रिपोर्ट के अनुसार, 1955 में आई फिल्म आजाद के लिए लता मंगेशकर ने राधा न बोले गाना गाया था और इस गाने से गौरव काफी प्रभावित हुए और उन्होंने अपना पूरा जीवन लता के नाम कर दिया.
गौरव ने बताया कि उनकी मां ने उन्हें लता जी के संघर्ष के बारे में बताया और साथ ही उन्हें लता मंगेशकर की फोटो भी दी. गौरव ने कहा, “उन्होंने मुझसे कहा- खोज करनी है तो इनकी खोज करो. बस इसके मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.”
लता मंगेशकर के लिए गौरव ने घर में ही एक मंदिर बनवाया हुआ है. उनके हॉरोस्कोप का एक बड़ा फ्रेम गौरव ने अपने ड्राइंग रूम की दीवार पर लगवा रखा है. वहीं इसके अलावा लता मंगेशकर की तस्वीरें उनके पूरे घर में देखी जा सकती हैं.
मुलाकात हुई तो रोता रहा 10 मिनट
साल 2013 में गौरव को लता मंगेशकर से मिलने का मौका मिला. रिपोर्ट के मुताबिक, गौरव शर्मा ने कहा, “मैंने जब उन्हें देखा तो मैं 10 मिनट तक रोता रहा. मैंने करीब चार घंटे उनके साथ बिताए. उन्होंने मुझे अपने साइन किए हुए अपने पोट्रेट भी दिए.”