शोधकर्ताओं ने पाया है की जो लोग रेड वाइन का सेवन करते है उनकी आंत में माइक्रोबायोटा की विविधता बढ़ जाती है और इसके साथ ही खराब कोलेस्ट्रॉल और मोटापे के स्तर में भी कमी आती है।
लन्दन के किंग्स कॉलेज के केरोलिन ले रॉय कहा संतुलित मात्रा में रेड वाइन के सेवन का संबंध आंतो की माइक्रोबायोटा की विविधता और स्वास्थ्य से जुड़ी है जो आंशिक रूप से स्वास्थ्य पर इसके लंबे समय तक चलने वाले लाभदायक प्रभावों की व्याख्या करती है।
आंत में खराब जीवाणुओं की तुलना अच्छे जीवाणुओं के असंतुलन से कई सारी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे की क्रोध -तिरोधक क्षमता में कमी, वजन का बढ़ना या हाई कोलेस्ट्रॉल एक व्यक्ति की आंत के माइक्रोबायोम में बैक्टीरिया के विभिन्न प्रजातियों की उच्च संख्या को स्वस्थ आंत का प्रतीक माना जाता है।
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं की एक टीम ने आंत के माइक्रोबायोम पर बीयर, साइडर, रेड वाइन, व्हाइट वाइन और स्पिरिस्ट के प्रभावों का पता लगाया उन्होंने पाया की जो लोग रेड वाइन का सेवन नहीं करते है उनकी तुलना में रेड वाइन का सेवन करने वालो की आंत में माइक्रोबायोम अधिक विविध है।
शोधकर्ताओं ने पाया पीने वालो की आंत के माइक्रोबायोटा में जीवाणुओं के विभिन्न प्रजातियों की एक बड़ी संख्या थी उनके मुताबिक ऐसा शाद रेड वाइन में अधिक मात्रा में मौजूद पॉलीफिनोल्स की वजह से हो सकता है पॉलीफिनोल्स एक ऐसा केमिकल है जो स्वाभाविक रूप से कई फलो और सब्जियों में पायी जाती है इनमे एंटीऑक्सीडेंट्स सहित कई सारे लाभदायक तत्व होते हैं और यह हमारी आंत में मौजूद माइक्रोब्स के लिए ईंधन के रूप में काम करती है