कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार का गरीबों को रियायती दर पर भोजन उपलब्ध कराने वाली इंदिरा कैंटीनों को बंद करने की कोई मंशा नहीं है और न ही उनका नाम बदलने का कोई प्रस्ताव है।
श्री येदियुरप्पा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उनकी सरकार ने 200 से अधिक कैंटीनों में भोजन की आपूर्ति करने वाले निजी खाद्य प्रदाताओं को दी जाने वाली रियायत के कथित दुरूपयोग की जांच का आदेश दिया था और सरकार की उन्हें बंद करने की कोई मंशा नहीं है लेकिन सरकार इन कैंटीनों से अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन की आपूर्ति की व्यवस्था करेगी।
उनका स्पष्टीकरण बृहत बेंगलुरु महानगर पालिक (बीबीएमपी) के महापौर के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर राज्य सरकार धनराशि नहीं देगी तो बीबीएमपी इन कैंटीनों को चलाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कैंटीनों में खाद्य प्रदाताओं के लिए धन के आवंटन के अरोप लगाए गए थे, जिसका ठीक ढंग से उपयोग नहीं किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने इंदिरा कैंटीन को मिलने वाला धन नहीं रोका है। इन कैंटीनों में आज भी भोजन उपलब्ध कराया गया है। इन रियायती भोजनालयों का नाम बदलने का सरकार का कोई प्रस्ताव नहीं है।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री अश्वथ नारायण ने भी कहा था कि भाजपा सरकार इंदिरा कैंटीन बंद नहीं करेगी जो गरीबों को सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध कराती हैं।
इन आउटलेट पर पांच रुपये प्लेट नाश्ता तथा दोपहर और रात का खाना 10 रुपये में उपलब्ध कराया जाता है। इन कैंटीनों में लाखों लोग भोजन करने के लिए आते हैं और अभी तक इन कैंटीनों में खाद्य आपूर्ति नहीं रोकी गयी है।