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सरकारी बैंकों पर लग रहे हैं ताले, 1 साल बंद हुए 5500 ATM और 600 बैंक ब्रांच, ये है वजह?

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नोटबंदी के बाद से सरकारी बैंकों पर ताले लग रहे हैं। कई बैंकों का विलय किया गया है। पहले देश की सबसे बड़ी सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में 6 बैंकों का विलय किया। उसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय किया गया। अब इलाहाबाद बैंक समेत कई और बैंकों के विलय की बात की जा रही है। वहीं बैंक लगातार अपने ब्रांच और एटीएम को बंद कर रही है। पिछले 1 साल में पब्लिक सेक्टर बैंक (Public Sector Bank) ने 5500 से ज्यादा एटीएम बंद किए हैं तो 600 से ज्यादा ब्रांचों पर ताला लगा दिया है।

सरकारी बैंकों पर लग रहे हैं ताला

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैकं ऑफ इंडिया ने 1 साल के भीतर में 420 शाखाओं को बंद कर दिया तो वहीं 768 एटीएम बंद कर किए। लगातार घाटे में चल रहे बैंकों ने खर्च में कटौती करने के लिए बैंक के ब्रांचों को कम कर रहे हैं। खासकर बड़े शहरों में बैंक अपने खर्च को कम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शहरी खाताधारकों की बैंक के ब्रांचों पर निर्भरता कम होती जा रही है। शहरी खाताधारक डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में बैंक खर्च में कटौती करने के लिए ब्रांचों को कम कर रहा है। सरकारी बैंकों का ऐसा मानना है कि ब्रांच और ATM जैसे फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को कम किया जा सकता है।

क्यों बंद हो रहे हैं सरकारी बैंक

अगर आंकड़ों पर नजर डाले तो ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक देश की 10 शीर्ष सरकारी बैंकों ने पिछले 1 साल में देशभर में 5500 एटीएम बंद किए हैं। वहीं 600 शाखाओं को बंद कर दिया गया है। जहां एसबीआई ने 420 ब्राचं और 768 ATM बंद किए तो वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा ने करीब 40 ब्रांच और 274 एटीएम बंद किए हैं। वहीं पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, यूको बैंक समेत कई सरकारी बैंकों ने अपनी शाखाएं और एटीएम कम किए हैं।

खर्च घटाने के लिए बैंक ब्रांचों पर लग रहे हैं ताले

दरअसल लगातार घाटे में चल रहे हैं सरकारी बैंक बैलेंस शीट में एक्सपेंडिचर को कम करने के लिए NPA को कम करने की योजना बना रहे हैं। खासकर शहरों में स्थिति ब्रांचों को बंद किया जा रहा है, क्योंकि शहरी खाताधारक बैंकिंग संबंधी कामों के लिए डिजिटल बैंकिंग सेवा को अपना रहे हैं। बैंकों की ब्रांच और एटीएम की कटौती का असर ग्रामीण बैंकों पर नहीं पड़ा है। बैंकों ने ग्रामीण और अर्धशहरी इलाकों में इनमें कटौती नहीं की है। वहीं एक तरफ जहां सरकारी बैंक खर्च घटाने के लिए नेटवर्क में कटौती कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट सेक्टर के बैंक अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं। एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने अपने बैंकिंग नेटवर्क का विस्तार किया है।