Home जानिए सेना से धोनी ने छुपाया बड़ा राज, नहीं तो हो जाते डिस्क्वालीफाई!

सेना से धोनी ने छुपाया बड़ा राज, नहीं तो हो जाते डिस्क्वालीफाई!

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टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी इस वक्त भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। धोनी दक्षिण कश्‍मीर में 106 ए बटालियन के साथ हैं और स्‍वतंत्रता दिवस पर लेह में राष्‍ट्रीय तिरंगा फहराने की तैयारी में जुटे हुए हैं।

विश्‍व कप खत्‍म होने के बाद उम्‍मीद की जा रही थी कि धोनी अपने संन्‍यास की घोषणा कर देंगे, लेकिन 38 वर्षीय धोनी ने सभी को आश्‍चर्यचकित करते हुए 2 महीने के लिए खेल से ब्रेक लिया और भारतीय आर्मी में अपनी सेवाएं देने का मन बनाया। हालांकि अब खुलासा हुआ है कि माही को इसी मुकाबले में एक और उंगली में चोट लगी थी, लेकिन उन्होंने इसे छुपाए रखा।

विश्‍व कप 2019 के दौरान और बाद में धोनी कई कारणों से सुर्खियों में रहे। विश्‍व कप में इंग्‍लैंड के खिलाफ मैच के दौरान लक्ष्‍य का पीछा करते समय धोनी की रणनीति पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। कड़ी आलोचनाओं के बीच एमएस धोनी ने अंगूठे में चोट के बावजूद बल्‍लेबाजी करना जारी रखा जिसकी वजह से एक तबके ने उनकी जमकर तारीफ भी की। वर्ल्ड कप के मैच के दौरान मुंह से खून थूकने वाली धोनी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी।

मीडिया में खबरें यहां तक हैं कि विश्‍व कप के दौरान धोनी को उंगली में चोट लगी थी जिसका उन्‍होंने अब तक स्‍कैन नहीं कराया है। खबरों के अनुसार इंग्‍लैंड बनाम भारत मैच में धोनी को उंगली में चोट लगी थी, हालांकि उन्‍होंने चोट के बावजूद खेलना जारी रखा। उनकी उंगली में इतनी गंभीर चोट थी कि ऐसा लगा कि हेयरलाइन फ्रैक्‍चर है। यह देखना बहुत दुखद था कि भारत के पूर्व कप्‍तान अपनी मुट्ठी तक बंद नहीं कर पा रहे थे।

एमएस धोनी ने अपनी चोट को राज रहने दिया और इस बारे में किसी को जानकारी नहीं दी। इसके पीछे का कारण पता चला कि वे भारतीय आर्मी में अपनी सेवाएं देना चाहते थे। वे चोट के बहाने ट्रेनिंग से डिसक्‍वालिफाई होना नहीं चाहते थे।

धोनी अपनी चोट को बड़ा राज रखना चाहते थे। वे उस पर कोई बातचीत नहीं चाहते थे। उन्‍होंने इसका स्‍कैन तक नहीं कराया ताकि कोई अफवाह न उड़े। बड़ा कारण था आर्मी। वे चोट के कारण ट्रेनिंग से डिसक्‍वालिफाई होना नहीं चाहते थे।

अब खबरें हैं कि सेना में सेवा देने के बाद धोनी अपनी उंगली का इलाज करवाएंगे। हालांकि इस चोट से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि भारतीय सेना खेलों में उनके योगदान को देखते हुए ही उन्हें टे‍रिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद दिया है।