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लद्दाख में पाई जाती है संजीवनी बूटी होती है बहुत ही खास

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संजीवनी बूटी का नाम सुनते ही हम सभी के कान खड़े हो जाते हैं और हमारे दिमाग में बन जाती है एक छवि जो की आती है राम लक्ष्मण के समय में जिस संजीवनी का पता लगाया था हनुमान जी ने । यह सब बात ग्रन्थों की जरुरा है । पर हमारे भारत देश में ऐसी कई जड़ी बूटियाँ पाई जाती है जो की हमारी जान बचाती है । और जो जान बचाती है वहीं संजीवनी कहलाती है । हाँ इससे कोई अजर अमर तो नहीं होता पर जान जरूर बच जाती है ।

आज ऐसी ही एक संजीवनी बूटी का हम आपसे जिक्र करने जा रहे हैं । जो की लद्दाख में पाई जाती है । आपको आज हम उसी संजीवनी के बारे में बताने जा रहे हैं जो हमारे जीवन के लिए बहुत ही खास है । आइए जानते हैं उस जड़ी बूटी के बारे में की क्या है और क्या करती है यह कम ?

रेडियोला यह एक चमत्कारी जड़ी-बूटी है, जो इम्यून सिस्टम यानी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को ठीक कर सकती है और ऊंचाई के वातावरण में शरीर को ढलने में मदद करती है। इस जड़ी-बूटी का सबसे फायदेमंद गुण ये है कि यह रेडियो-ऐक्टिविटी से भी बचाव करती है। वैज्ञानिकों ने इस जड़ी-बूटी को ‘रोडियोला’ नाम दिया है। रोडियोला ठंडे और ऊंचाई वाले जगह पर पाया जाता है। स्थानीय लोग रोडियोला को ‘सोलो’ कहते हैं और इसकी पत्तियों का सब्जियों में भी प्रयोग करते हैं।

रोडियोला का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है। ‘रोडियोला एक आश्चर्यजनक पौधा है, जो रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है, कठिन जलवायु की स्थितियों में शरीर को अनुकूल बनाता है और रेडियो ऐक्टिविटी से बचाव करता है। इस पौधे में सीकोंडरी मेटाबोलाइट्स और फायटोऐक्टिव तत्व पाए जाते हैं, जो विशिष्ट तत्व हैं।

इस पौधे की एडैप्टोजेनिक क्षमता सैनिकों को कम दवाब और कम ऑक्सिजन वाले वातावरण में अनुकूल होने में मदद कर सकती है, साथ ही इस पौधे में अवसाद-रोधी और भूख बढ़ाने वाला गुण भी है ।