जम्मू-कश्मीर के पू्र्व सीएम फारुक अब्दुल्ला दो दिन बाद आज (मंगलवार) श्रीनगर में अपने घर के बाहर आए। इस दौरान अब्दुल्ला पत्रकारों से बात करते हुए भावुक हो गए। एनडीटीवी के पत्रकार ने जब अब्दुल्ला से पूछा कि जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने, राज्य का पूर्ण राज्य ना रहने और 370 हटने पर आप क्या फील कर रहे है। इस सवाल फारूक अब्दुल्ला भावुक हो गए और बोले कि आपके शरीर के दो टुकड़े कर दिया जाएं तो क्या भावनाएं होंगी।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, मुझे दुख है कि गृहमंत्री अमित शाह इस तरह से झूठ बोल रहे हैं। मुझे कैद रखा गया और मंत्री ने झूठ बोल दिया। फारूक अब्दुल्ला ने सवाल किया कि क्या ये हिन्दू को एक तरफ मुस्लिमों को एक तरफ कर देंगे। क्या यही हिन्दुस्तान है. उन्होंने कहा कि मेरा भारत वो था जो सबका था। अब्दुल्ला ने कहा, हमारी राजनीति की लड़ाई जारी रहेगी। हम लोकतंत्र के लिए, एकता के लिए लड़ेंगे। उम्मीद है कि हम फिर एक साथ बैठेंगे और इस मुद्दे को एक हल पर लेकर जाएंगे। दरवाजे खुलेंगे तो लोग बाहर आएंगे, हम कोर्ट जाएंगे अपनी लड़ाई लड़ेंगे।
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि आम आदमी ताले में बंद है, दवाई तक नहीं मिल रही है। खाने को खाना तक नहीं मिल रहा है। 370 हटाए जाने पर गुस्से का इजहार करते हुए उन्होंने कहा कि जिस भारत पर मेरा विश्वास था ये वो भारत नहीं है। मेरा विश्वास लोकतांत्रिक भारत में था ना कि इस नए भारत में।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक सोमवार को राज्यसभा से पास हो चुका है। मंगलवार को इसे लोकसभा में पेश किया गया है। बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दो अलग केंद्र शासित राज्य बनाने का प्रावधान है। इस बिल को लेकर भारत में भी दो तरह की राय है। एक बड़ा तबका इसे बेहतर कदम बता रहा है तो जम्मू कश्मीर (खासतौर से घाटी में प्रभाव रखने वाले) के नेता और देश की कई राजनीतिक पार्टियां भारी विरोध कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर के चार पूर्व सीएम, कई मौजूदा सांसद और ज्यादातर मेनस्ट्रीम पार्टियां इस बिल को विनाशकारी कह रही हैं। बीते दो दिन से राज्य के ज्यादातर बड़े नेता या तो पुलिस हिरासत में हैं या फिर उनको नजरबंद किया गया है।