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छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री ने हरेली तिहार पर दी नागरिकों को बधाई

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार पर छत्तीसगढ़ के सभी नागरिकों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। मुख्यमंत्री आज यहां मुख्यमंत्री निवास, गांधी उद्यान तिराहे और साक्षरता तिराहे में नागरिकों को सम्बोधित करते हुए हरेली तिहार की बधाई दी।

    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने हरेली तिहार के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए हरेली को सामान्य अवकाश घोषित किया है और इसे छत्तीसगढ़ी की परम्परा के अनुरूप नये स्वरूप में व्यापक स्तर पर जनभागीदारी के साथ मनाने का निर्णय लिया है। यह खेती-किसानी की दृष्टि से छत्तीसगढ़ पहला महत्वपूर्ण पर्व है। छत्तीसगढ़ में कृषि संस्कृति के अनुसार त्यौहारों की शुरूआत हरेली से होती है।
    
    मुख्यमंत्री ने लोगों से आग्रह किया गौ माता के साथ ही गैंती, नांगर, फावड़ा की पूजा, नाचा, गम्मत के सांस्कृतिक कार्यक्रम और फुगड़ी, कबड्डी, भौंरा जैसे ग्रामीण खेलकूद के आयोजन करें और पौधरोपण भी करें। ठेठरी, खुरमी, पपची, चीला, फरा जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों को बढ़ावा दें।

    मुख्यमंत्री ने कहा गेड़ी नाच और गेड़ी दौड़ हरेली तिहार का मुख्य आकर्षण होती है। गेड़ी हर उम्र के लोगों को लुभाती है। किसान इस दिन कृषि औजारों नांगर, गैती, कुदाली, रापा आदि की पूजा कर कृषि कार्य के लिए दुगुने उत्साह से जुटने का प्रण लेते हैं। घरों में इस दिन किसान कुल देवता की पूजा करते हैं। महिलाएं चांवल और गुड का चीला और अन्य पकवान बनाती हैं। इस दिन अनिष्ट से रक्षा और सौभाग्य की कामना तथा प्रकृति के साथ संबंध को प्रदर्शित करते हुए घरों में नीम की डालियां भी बांधते हैं।

        राज्य सरकार ने ग्रामीण जनजीवन को खुशहाल बनाने के लिए सुराजी गांव योजना शुरू की है। योजना में पशुधन के संवर्धन के लिए गौठान और चारागाह का निर्माण के साथ ही बायोगैस संयंत्र, दुग्ध उत्पादन, जैविक खाद बनाने जैसी आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इसके माध्यम से मौसमी नदी, नालों के पुनर्जीवन और जल संचयन के कार्य प्रारंभ किए गए। जैविक खाद बनाने और बाड़ी कार्यक्रम के तहत घरों में जैविक सब्जियों के उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी में कहा कि आवव, हम अपन परंपरा ला, नवा जीवन देबर हरेली ला खूब धूम धाम से मनावन। गोठान के साफ सफाई करन। गऊ माता अउ पसुधन के जतन करन. नांगर, रापा, कुदारी के पूजा करन अउ गुड़-चीला के भोग चढ़ावन लइका-जवान मन गेंड़ी चढ़ैं। गांव देहात के पारंपरिक खेल कूद के आयोजन करन। हरेली के रंग ला उत्साह ले भरना हे ।

    मुख्यमंत्री ने कहा भाई बहिनी अउ सब्बो सियान मन से मनुहार करत हंव कि आवव एक नवा सुरुआत करन अउ हरेली ला हम अपन बर अउ नवा पीढ़ी बर छत्तीसगढ़ के संस्कृति के पहिचान बनावन। हमन छत्तीसगढ़ म नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी योजना सुरु करे हन, उखरो उद्देस्य इही हे। मोला विस्वास हे कि इही योजना हा छत्तीसगढ़ के चारो चिन्हारी ला फेर से जीवन दीही अउ हम सबके सपना साकार होही।