नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के पद से राहुल गांधी ने आखिरकार इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद पार्टी के भीतर नए अध्यक्ष को लेकर मंथन तेज हो गया है। बुधवार रात को राहुल गांधी के ऐलान के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक, अहमद पटेल, एके एंटनी, अशोक गहलोत ने पार्टी के अध्यक्ष पद को लेकर बैठक की। दरअसल राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद इस बात की कोशिश हो रही है कि पार्टी के भीतर बिना गांधी परिवार के नेतृत्व के किसी भी तरह की संकट उत्पन्न ना हो।To go USA
अमेरिका जा सकते हैं राहुल-सोनिया
माना जा रहा है कि राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी के साथ अमेरिका जा सकते हैं। ऐसे में दोनों ही नेताओं के देश से बाहर जाने के बाद पार्टी के भीतर गांधी परिवार का नेतृत्व नहीं रहेगा। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी पहले से ही अमेरिका में हैं। ऐसे में गांधी परिवार के देश में ना रहने की वजह से पार्टी के भीतर नेतृत्व का संकट उत्पन्न हो सकता है। यही वजह है कि पार्टी के भीतर इस हालात से निपटने के लिए कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की आपात बैठक हो सकती है, जिसमे गांधी परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं रहेगा।
Limited option
कांग्रेस के पास सीमित विकल्प
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के पास विकल्पों की कमी है। माना जा रहा है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक अगले हफ्ते हो सकती है, जिसमे राहुल गांधी के इस्तीफे को स्वीकार या अस्वीकार किया जा सकता है। ऐसे में अगर राहुल गांधी के इस्तीफे को अगर स्वीकार नहीं किया जाता है तो अंतरिम अध्यक्ष का नाम पर फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोती लाल वोरा के नाम को लेकर अटकलें तेज हैं, खबरों की मानें तो उन्हें पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार करते हुए राहुल गांधी को अपना नेता बताया है।
Motilal vora in the race
मोतीलाल वोरा का नाम सबसे आगे
मोतीलाल वोरा ने कहा कि हम एक बार फिर से राहुल गांधी से अपील करेंगे कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद पर बने रहे। राहुल हमारे नेता हैं और हमेशा रहेंगे। कयास इस बात के भी लगाए जा रहे थे कि मुकुल वासनिक को राज्य सभा में विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है। हालांकि अभी तक इसपर पार्टी की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। जिस तरह से राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है उसपर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी असहमति जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी का नेतृत्व जारी रखना चाहिए था।