आपको बता दें, कि हिंदू धर्म में ऐसे कई सारे पर्व हैं, मगर योगिनी एकादशी को बहुत ही विशेष माना जाता हैं, आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता हैं इस एकादशी का पाप के प्रायश्चित के लिए विशेष महत्व बताया गया हैं। इस दिन श्री हरि के ध्यान भजन और कीर्तन से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं, कहा जाता हैं कि अगर इस दिन उपवास रखकर भगवान श्री हरि विष्णु का ध्यान किया जाए तो व्यक्ति को उसके हर पाप से मुक्ति प्राप्त हो सकती हैं। वही इस बार यह योगिनी एकादशी का पर्व 29 जून को पड़ रहा हैं।
जानिए योगिनी एकादशी के उपवास की विधि—
आपको बता दें, कि प्रात: काल स्नान करके सूर्य देवता को जल अर्पित करें। इसके बाद पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु की पूजा करें इसके बाद उन्हें पीले पुष्प पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें। इसके बाद श्री हरि विष्णु और देवी मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप करें। किसी भी निर्धन व्यक्ति को जल का, अन्न वस्त्र का या जूते छाते का दान करें। केवल जल और फल ग्रहएा करके ही उपवास रखें।
अच्छे स्वास्थ्य के लिए ऐसे रखें व्रत—
एकादशी का उपवास रखें दिन भर और रात भर केवल जलीय आहार ग्रहण करें जितना संभव हो भगवान शिव की उपासना करें। कम से कम बोलें औ क्रोध बिल्कुल भी न करें। वही पापो के प्रायश्चित के लिए एकादशी का उपवास रखें और सुबह शाम श्री हरि की उपासना करें। गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करना भी सर्वोत्तम माना जाता हैं, वही इसके अलावा भगवद्गीता के ग्यारहवें अध्याय का पाठ करने से भी लाभ मिलता हैं।