झारखंड के सराय केला में धार्मिक घृणा और हिंसक भीड़ के शिकार तबरेज अंसारी की मौत पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने चिंता प्रकट करते हुए इसे देश के माथे पर एक बदनुमा कलंक करार दिया।
मंगलवार को जारी बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि झारखंड में इस तरह की घटनाओं का होना आम बात हो गई हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि समाज की सामूहिक संवेदना इस कदर मुर्दा हो गई हैं कि एक व्यक्ति को कुछ लोग मारते रहते हैं और बड़ी संख्या में समाज के जिम्मेदार खड़े होकर तमाशा देखते हैं, जो वास्तव में भारत की संस्कृति, हिंदुस्तानियत, लोकतंत्र और मानवता के माथे पर एक कलंक है।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, मौलाना मदनी ने कहा कि यह देश के शासकों की जिम्मेदारी है कि वह देश को इस मुसीबत से बचाएं और ऐसा घिनौना कार्य करने वाले दोषियों को सख्त से सख्त सजा दें। इसके साथ उन लोगों को भी सजा दी जानी चाहिए जो ऐसे अपराधों के समर्थक या शुभचिंतक हैं।
मौलाना महमूद ने बताया कि जमीयत का एक प्रतिनिधिमंडल मृतक तबरेज अंसारी के घर पहुंचा और उन्हें हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए स्थानीय पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 26 जून को जमीयत का केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल रांची में मुख्यमंत्री रघुवर दास से भेंट करेगा और उसके बाद गर्वनर हाउस के सामने सामूहिक प्रदर्शन किया जाएगा।