एक भाई ने अपनी बहनों और भाई को सिविल सर्विस का एग्जाम पास कराने के लिए लाखों की नौकरी छोड़ दी। उसने ऐसा काम किया जो हर कोई नहीं कर पाता है। जी हां पहले तो भाई ने खुद अपनी लाखों की नौकरी छोड़ी और उसके बाद सिविल सर्विस की तैयारी की। पहले उसने सिविल सर्विस का एग्जाम पास किया और बात में वही फॉर्मूला अपने भाई और बहनों को बताया।
जिसके दम पर आज इस परिवार में 2 IAS और 1 IPS अधिकारी है। इस परिवार का ताल्लुक यूपी के प्रतापगढ़ के लालगंज से है।
परिवार की बेटी क्षमा मिश्रा का कहना है कि उनका बचपन से सपना था कि वो सिविल सर्विसेज में जाएं। ग्रेजुएशन के बाद उनकी शादी हो गई, लेकिन उन्होंने तैयारी जारी रखी। उनके पति ने भी उनको सहयोग दिया, लेकिन कहते हैं न कि बिना गुरू के सफलता नहीं मिलती है। क्षमा के गुरू बनकर उनके भाई योगेश आए। योगेश ने अपनी बहन से कहा कि वो गलती कर रही है। इसके बाद ने अपनी नौकरी छोड़ दी, वो इंजीनियर हैं। 66 लाख की नौकरी छोड़ कर उन्होंने खुद सिविल सर्विस का एग्जाम देने का मन बनाया। योगेश ने कभी सिविल सर्विस का एग्जाम नहीं दिया था। उम्र के कारण उनके पास एक ही अटेम्प्ट था।
योगेश ने सिविल सर्विस के पुराने पेपर उठाए, उनको स्टडी किया, योगेश ने सिर्फ उन्ही टॉपिक्स को डीटेल में पढ़ा जो ज्यादातर एग्जाम में पूछे जाते हैं। उन्होंने बताया कि ज्यादातर छात्र सब्जेक्ट के मुताबिक डीटेल्ड स्टडी करते हैं, इस कड़ी में वो पुराने पेपर्स को दरकिनार कर देते हैं।
लेकिन उन्होंने इसका उल्टा किया और इसका फल देखने को मिला। योगेश ने पहली बार में ही सिविल सर्विस क्रैक कर ली। वो बताते हैं कि उनका फॉर्मूला काम आया और उसी फॉर्मूले को उन्होंने अपने भाई और बहन को बताया। जिसके दम पर उनके भाई बहन आज की तारीख में IAS और IPS अधिकारी बनने की ट्रेनिंग ले रहे हैं।
योगेश की पहली बहन क्षमा मिश्रा कर्नाटक कैडर की IPS हैं फिलहाल हैदराबाद में ट्रेनिंग ले रही हैं। दूसरे नंबर की बहन माधवी मिश्रा झारखंड कैडर की IAS अधिकारी हैं, वो वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर मिनिस्ट्री ऑफ फूड एंड प्रोसेसिंग में असिस्टेंट सेक्रेटरी के पद पर काम कर रही हैं।
इन दोनों बहनों के अलावा योगेश का भाई लोकेश भी बिहार कैडर का IAS अधिकारी है, लोकेश फिलहाल चंपारण में ट्रेनिंग पूरी कर रहे हैं। इस तरह से योगेश ने न केवल खुद सिविल सर्विस क्लियर किया बल्कि अपने भाई और बहनों को भी सफलता का मंत्र दिया।
योगेश के भाई और बहनों का कहना है कि भाई के कारण उनको काफी मदद मिली। उन्होंने अपनी लाखों की नौकरी छोड़कर हमारी मदद की। आज इस घर में 4 सिविल सर्विस अधिकारी हैं। योगेश भी इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस पास करने के बाद अधिकारी हैं।