सुमित्रा महाजन ने यह भी कहा कि प्रज्ञा ठाकुर अकेली नहीं थी जिन्हें कस्टडी में टॉर्चर का शिकार होना पड़ा.
नई दिल्ली: शहीद आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे को लेकर बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की बयानबाजी पर विवाद हो चुका है. अब निवर्तमान लोकसभा स्पीकर और इंदौर से 8 बार बीजेपी सांसद रहीं सुमित्रा महाजन ने बतौर पुलिस अधिकारी करकरे के आचरण पर सवाल उठाए हैं. सोमवार को महाजन ने कहा कि करकरे “शहीद बने” क्योंकि वह ड्यूटी के दौरान मारे गए, मगर महाराष्ट्र एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) प्रमुख के रूप में उनकी भूमिका ठीक नहीं थी.
फोन पर बातचीत में सुमित्रा महाजन ने कहा, ” हेमंत करकरे के दो पहलू हैं. वह शहीद बने क्योंकि ड्यूटी के दौरान मारे गए. लेकिन एक पुलिस अधिकारी के रूप में उनकी भूमिका सही नहीं थी. हम कहेंगे कि यह सही नहीं थी. ”
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि उनके पास कोई सबूत नहीं हैं पर उन्होंने सुना है कि कांग्रेस नेता और भोपाल से उम्मीदवार दिग्विजय सिंह, करकरे के दोस्त थे. महाजन ने कहा कि जब सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे तो वह RSS पर बम बनाने और आतंकी संगठन होने के आरोप लगाते थे. महाजन का आरोप है कि महाराष्ट्र ATS ने इंदौर से जो गिरफ्तारियां की, वे पूर्व सीएम के कहने पर किया.
इस बयान के जवाब में दिग्विजय ने ट्वीट किया, “सुमित्रा ताई, मुझे गर्व है कि अशोक चक्र विजेता शहीद हेमंत करकरे के साथ आप मुझे जोड़ती हैं. आपके साथी उनका अपमान भले ही करें, मुझे गर्व है कि मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं. मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा ख़िलाफ़ रहा हूं. मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझमें सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफ़ारिश करने का साहस था. मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं.”
महाजन ने यह भी कहा कि प्रज्ञा ठाकुर अकेली नहीं थी जिन्हें कस्टडी में टॉर्चर का शिकार होना पड़ा. उन्होंने दिलीप पाटीदार का जिक्र किया जिसे महाराष्ट्र एटीएस ने नवंबर 2008 में पूछताछ के लिए इंदौर से उठाया था. महाजन ने कहा कि पाटीदार कभी वापस नहीं लौटा, उसकी गुमशुदगी का मामला लोकसभा से लेकर अदालतों तक में उठा.
महाजन ने आरोप लगाया कि कस्टडी में पाटीदार की हत्या कर दी गई. उन्होंने कहा, “ये तथ्य हैं. किसी को तो जवाब देना चाहिए.”