Home छत्तीसगढ़ पिछड़े वर्ग का नेता बहुरुपिए का नया रूप : सीएम भूपेश बघेल

पिछड़े वर्ग का नेता बहुरुपिए का नया रूप : सीएम भूपेश बघेल

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रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्ट करना चाहिए कि चौकीदार को चोर बोलना पूरे पिछड़े वर्ग का अपमान कैसे हो गया? और यह भी बताना चाहिए कि उनके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह जब किसी को ‘छोटा आदमी’ बोलते हैं तो वे किसका अपमान कर रहे होते हैं? बघेल ने कहा है कि चुनाव प्रचार के सारे हथकंडे अपनाने के बाद पीएम मोदी आखिर में अपने मूलमंत्र पर लौट आए हैं और अब वे समाज को जाति और धर्म के आधार पर बांटने की कोशिशों में लग गए हैं। छत्तीसगढ़ में उन्होंने अपने आपको साहू समाज से जोड़ लिया और यह जहर फैलाने की कोशिश की थी कि चौकीदार को चोर कहना दरअसल समाज का अपमान है, लेकिन दो ही दिन बाद महाराष्ट्र में जाकर एक चुनावी रैली में वे कहने लग गए कि चौकीदार को चोर कहना पूरे पिछड़े समाज का अपमान है।

भूपेश बघेल ने कहा है कि अब पूरे देश को लगने लगा है कि चौकीदार पर भरोसा नहीं किया जा सकता और चोर होने का आरोप सही प्रतीत होने लगा है तो वे अपने आपको बचाने के लिए जाति का सहारा ले रहे हैं। सीएम बघेल ने कहा है कि दूसरा बड़ा सवाल यह है कि यदि सचमुच वे पिछड़े वर्ग की चिंता करते हैं तो उन्होंने अपने पांच साल के कार्यकाल में पिछड़े वर्ग के लिए क्या किया? राज्यों में मुख्यमंत्री बनाने की बारी आई तो झारखंड को छोड़कर कहीं भी पिछड़े वर्ग को मौका नहीं दिया। नौकरशाही और मंत्रिमंडल में भी किसी पिछड़े वर्ग के व्यक्ति को आगे नहीं बढ़ाया, और न ही उद्योग और कारोबार में कोई उदाहरण पेश किया। उल्टे जब मौका मिला तो पिछड़े वर्ग के खिलाफ साजिश ही रचते रहे। विश्वविद्यालयों की भर्ती में 13 पॉइंट रोस्टर लागू करना इसका सबसे अच्छा उदाहरण है।

भूपेश बघेल ने कहा है कि यह बहुरुपिए का नया अवतार है। चाय वाला, प्रधान सेवक, फकीर से लेकर चौकीदार तक सब दांव चलने के बाद अब वह पिछड़े वर्ग का नेता बनकर आया है। जनता को सावधान रहना चाहिए। उन्होंने कहा है कि सच यह है कि नरेंद्र मोदी सूट-बूट वाले धनपतियों के हितैषी हैं और उनके ही लिए पांच साल काम करते रहे।

शहीद करकरे का अपमान करने के लिए माफी मांगे भाजपा 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया पर कहा है कि मुंबई में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे का अपमान करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को देश से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ने अपने भाषण में न केवल हेमंत करकरे का अपमान किया बल्कि मंच पर मौजूद भाजपा नेताओं ने तालियां भी बजाईं। हेमंत करकरे मुंबई आतंकरोधी दस्ते के प्रमुख थे और वहां हुए भीषण हमले में आतंकवादियों की गोलियों के शिकार हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित अपने ट्वीट में भूपेश बघेल ने पूछा है कि वे भी हेमंत करकरे को शहीद मानते रहे हैं तो क्या अब उनके विचार बदल गए हैं?