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लोकसभा में बनेंगे पार्टी का चेहरा, बीजेपी में इस खास रिकॉर्ड के लिए जाने जाते हैं डॉ. रमन सिंह

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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए सबसे सफल नेता निश्चित तौर पर वर्तमान प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. इसके लिए पार्टी पूरा श्रेय पीएम मोदी को देती है. बीजेपी की राजनीतिक सफलता के रिकॉर्ड मोदी के कार्यकाल में ही बने. लेकिन, क्या आप बता सकते हैं कि बीजेपी का ऐसा कौन सा कीर्तिमान है जो मोदी के नाम नहीं. यह उपलब्धि एक ऐसे नेता के नाम पर दर्ज है जो राष्ट्रीय फलक से लंबे समय तक लगभग गायब थे. वो नेता हैं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.रमन सिंह के नाम. डॉ. रमन सिंह बीजेपी के इतिहास में सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री थे.

डॉ. रमन सिंह के बाद जिन बीजेपी मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल सबसे लंबे रहे हैं, उनमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं. नरेन्द्र मोदी 2001 से 2014 में प्रधानमंत्री बनने तक गुजरात के सीएम रहे. पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के शिवराज सिंह चौहान 2005 से 17 दिसंबर 2018 तक मुख्यमंत्री थे. अब लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो चुका है. ऐसे में कायस लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ में भाजपा का चेहरा बन सकते हैं. ये भी कहा जा रहा है कि डॉ. रमन सिंह को लोकसभा चुनाव भी पार्टी लड़ा सकती है. जानते हैं डॉ. रमन सिंह के राजनीतिक कॅरियर के बारे में.

पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ डॉ. रमन सिंह. फाइल फोटो.

डॉ. रमन सिंह की राजनीतिक सफलता के बारे में कहा जाता है कि एक फोन कॉल ने उनकी किस्मत बदल दी. साल 2000 में अटल की सरकार में डॉ. रमन केंद्रीय राज्यमंत्री थे. छत्तीसगढ़ निर्माण के बाद 2003 में पहला विधानसभा चुनाव होना था. तीन सालों में अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस और मजबूत हुई, लेकिन बीजेपी में बिखराव की स्थिति थी. बता दें कि ऐसे में तत्कालीन बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने दो वरिष्ठ सांसदों रमेश बैस और दिलीप सिंह जूदेव से प्रदेश बीजेपी की कमान देनी चाहिए, लेकिन वे तैयार नहीं हुए. इसके बाद नायडू ने फोन कर डॉ. रमन से बात की और उन्हें जिम्मेदारी दी. फिर साल 2003 के चुनाव में बीजेपी को 90 में से 50 सीटों पर जीत मिली और डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.

डॉ. रमन सिंह का जन्म छत्तीसगढ़ के वर्तमान कबीरधाम (कवर्धा) ज़िले के ग्राम ठाठापुर (अब रामपुर) में एक कृषक परिवार में 15 अक्टूबर, 1952 को हुआ था. 1975 में आयुर्वेदिक मेडिसिन में बी.ए.एम.एस. की उपाधि प्राप्त की. रमन सिंह के परिवार में पत्नी वीना सिंह और दो बच्चे हैं. रमन सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भारतीय जनसंघ के युवा सदस्य के तौर पर की थी. रमन सिंह 1990 और 1993 में मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे. उसके बाद सन् 1999 में वे लोकसभा के सदस्य चुने गए.

1999 के चुनाव में बढ़ा राजनीतिक कद
साल 1999 में हुए राजनंदगांव, छत्तीसगढ़ से लोकसभा चुनावों में जीत मिलने के बाद उनके राजनीतिक करियर को एक नया आयाम मिल गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें अपनी सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री बनाया. 2003 में जब छत्तीसगढ़ राज्य का पहला चुनाव होना निश्चित हुआ, तो भारतीय जनता पार्टी में ऐसे व्यक्ति की तलाश हुई, जो चुनावों से पूर्व के निर्णायक महीनों में पार्टी संगठन को गतिशील कर सके.

संगठन क्षमता और सबको साथ लेकर चलने की दक्षता से संपन्न डॉ. रमन सिंह को यह दायित्व सौंपा गया. पहली बार बीजेपी को छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में बड़ी सफलता मिली. एक दिसम्बर 2003 को छत्तीसगढ़ के इतिहास में भाजपा के विजय दिवस के रूप में दर्ज किया गया. डॉ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री बने. जिसके बाद से वे 15 साल तक इस पद पर काबिज रहे. विधानसभा चुनाव 2018 में करारी हार के बाद भी भाजपा ने डॉ. रमन पर ही भरोसा जताया और उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया.

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