संहिता में कहा गया है कि केंद्र या राज्यों में सत्ताधारी दल को सुनिश्चत करना चाहिए कि वह प्रचार के लिए अपने आधिकारिक पदों का इस्तेमाल नहीं करे.
नई दिल्ली: आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय सहित कई सरकारी वेबसाइटों ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों की तस्वीरें हटा दी है लेकिन कुछ मंत्रालयों में अभी इसका पालन नहीं किया है. लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू होगा और चुनाव की तारीखों की घोषणा का मतलब है कि तत्काल प्रभाव से आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है. प्रक्रिया पूरी होने तक यह जारी रहेगी. संहिता में कहा गया है कि केंद्र या राज्यों में सत्ताधारी दल को सुनिश्चत करना चाहिए कि वह प्रचार के लिए अपने आधिकारिक पदों का इस्तेमाल नहीं करे.
मंत्री और अन्य सरकारी प्राधिकार किसी भी रूप में वित्तीय आवंटन की घोषणा नहीं कर सकते. पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किसी भी परियोजना या कार्यक्रम की घोषणा नहीं की जा सकती और मंत्री चुनाव प्रचार के मकसद से सरकारी तंत्र का इस्तेमाल नहीं कर सकते. कैबिनेट सचिव और राज्यों के मुख्य सचिवों को एक पत्र में चुनाव आयोग ने उनसे सुनिश्चित करने को कहा था कि सरकारी बेबसाइटों पर राजनीतिक पदाधिकारियों की तस्वीरें तत्काल हटा लिए जाएं.
पीएमओ बेबसाइट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी है और पत्र सूचना कार्यालय ने भी ऐसा ही किया है. लेकिन, कानून मंत्रालय की वेबसाइट पर विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद, राज्य मंत्री पी पी चौधरी की तस्वीरें और प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ का भी लिंक बना हुआ है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट का भी यही हाल है. इस पर मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और राज्य मंत्री वीरेंद्र कुमार की तस्वीरें दिख रही है.