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नौतपा में तपिश की बजाय ठंडक,छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश से मौसम हुआ सुहावना

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रायपुर – इस बार मानसून ने पूरे देश में तय समय से पहले ही दस्तक दे दी है। इसका असर छत्तीसगढ़ में भी देखने को मिल रहा है, जहां बीते कुछ दिनों से मौसम पूरी तरह बदला हुआ नजर आ रहा है। राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में रुक-रुक कर तेज बारिश हो रही है। शुक्रवार की रात से शनिवार सुबह तक रायपुर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश दर्ज की गई। गौरतलब है कि नौतपा की शुरुआत 25 मई से हुई थी, लेकिन उसी दिन से बारिश भी शुरू हो गई, जिससे इस बार नौतपा में तपिश की बजाय ठंडक महसूस की जा रही है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान:

मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि छत्तीसगढ़ में आने वाले 2 से 3 दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है।

रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर, कांकेर, बालोद, सरगुजा, बलौदाबाजार और दक्षिण बस्तर में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।

ऑरेंज अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, कोंडागांव, बस्तर और दंतेवाड़ा जिलों में अगले 3 घंटों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश और बिजली गिरने की आशंका जताई गई है। कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की भी संभावना है, जिसके चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

मई में भी बरसात का असर

इस बार का मई महीना भी बारिश से भीगता रहा। मौसम विभाग के अनुसार, छत्तीसगढ़ में मानसून ने 16 दिन पहले, यानी 24 मई को ही दस्तक दे दी थी। सामान्यतः मानसून 1 जून को केरल से प्रवेश करता है, लेकिन इस बार यह पहले ही सक्रिय हो गया है। यदि यह सिलसिला जारी रहा, तो इस वर्ष मानसून की अवधि सामान्य से लंबी हो सकती है।

दंतेवाड़ा में सर्वाधिक वर्षा

अब तक के आंकड़ों में दंतेवाड़ा सबसे अधिक बारिश वाला जिला रहा है। बस्तर संभाग के कई जिलों में आज भी बारिश की संभावना है, जबकि शेष जिलों में 1-2 स्थानों पर बौछारें पड़ सकती हैं। प्रदेश भर में आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि मौसम अभी पूरी तरह सामान्य नहीं हुआ है।

नौतपा पड़ा फीका, किसानों में खुशी

इस बार नौतपा की गर्मी महसूस नहीं हो रही, बल्कि बारिश और ठंडक का अहसास हो रहा है। मानसून की जल्द शुरुआत ने किसानों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है, क्योंकि इससे खरीफ फसल की तैयारी समय पर हो सकेगी।