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साल भर में नहीं हुआ जमीन बटवारा, सुसाशन तिहार में भी राहत नहीं तो समाधान शिविर में सिस्टम के आगे साष्टांग हो गया पीड़ित किसान! बड़ा सवाल किसान लाचार या सिस्टम.?

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समाधान शिविर के समापन से पहले किसान मंच पहुंच एसडीएम के सामने साष्टांग हो गया,कहा बंटवारा करा दो साहब। देवभोग के तीनों राजस्व न्यायालय में किसानों के 394 मामले लंबित,वजह तीन सर्कल में विभाजित 27 हल्के में महज 1 आरआई 14 पटवारी कार्यरत।

शेख हसन गरियाबंद – सरकार के सुशासन तिहार का मंगलवार को देवभोग विकासखंड में निष्ठीगुड़ा में अंतिम समाधान शिविर का आयोजन किया गया था।पूरे अभियान में गुहार लगाने के बाद भी काम नहीं बनता देख लाटापारा का कृषक अशोक कुमार कश्यप अपने लंबित मांग को फिर से दोहराने अंतिम समाधान शिविर में पहुंचे।

इस बार आवेदन देने के अलावा मंच में चढ़ कर एसडीएम तुलसी दास के समक्ष साष्टांग हो गए।जमीन बटवारा करने गिड़गिड़ाते रहे,इस बार भी अफसर उन्हें आश्वाशन देकर निराकरण करने का भरोसा दिलाया।अशोक ने बताया की लाटापारा हल्का में उनकी पुरखौती जमीन 4.28 एकड़ मौजूद है,जमीन अशोक के नाम पर है पर बड़े भाई का कब्जा है। साल भर पहले बटवारा के लिए आवेदन दे चुके है।

पूरे अभियान के दरम्यान सभी जगह बटवारा की मांग करते रहे,लेकिन आज तक नहीं हुआ।मामले में एसडीएम तुलसी दास ने कहा कि मौके पर रकबा कम है,फिर भी अशोक को उनके हिस्से का कब्जा दिलाया गया था,लेकिन अगले पक्ष फिर से काबिज हुआ है।स्थल निरीक्षण कर अब स्थाई समाधान निकाला जाएगा।

3 न्यायालय में राजस्व के 394 मामले लंबित_ 93 राजस्व ग्राम में 394 राजस्व मामले लंबित है।निराकरण के पायदान में जिले की स्थिति चौथे नंबर पर है।ऑन लाइन दर्ज आंकड़ों के मुताबिक नायब तहसीलदार के समक्ष 129 ,तहसीलदार न्यायालय में 185 और एसडीएम न्यायालय में 80 मामले लंबित है।जिसमें सीमांकन के104,क्षतिपूर्ति के 72, खाता विभाजन के 31 मामले शामिल हैं।

बंदोबस्त त्रुटि के मामले ज्यादा,इसलिए निराकरण में हो रही परेशानी_ तहसीलदार चितेश देवांगन ने बताया कि की अशोक के खाते में ही 2 एकड़ जमीन दर्ज है, पुराने रिकॉर्ड के आधार पर दावा भले वे 4 एकड़ का कर रहे है।देवांगन ने बताया कि बंदोबस्त सुधार के 13 मामले दर्ज है,जिसे निराकरण किया जा रहा है।

दरअसल 1991 में अंतिम बंदोबस्त हुआ है,तब की हुई त्रुटि के चलते देवभोग तहसील में जमीन विवाद से जुड़े मामले अक्सर आते हैं।बोनी के समय प्रति वर्ष तहसील और थाने में जमीन विवाद के 20 से ज्यादा मामले पहुंच जाते हैं।जब तक बंदोबस्त प्रकिया दोबारा नहीं किया जाता,जमीन विवाद के मामले आते रहेंगे।

आधे पटवारी पर निर्भर है विभाग_ देवभोग तहसील में महज 93 राजस्व ग्राम हैं।प्रशासनिक सेट अप के लिहाज से इतने गांव के लिए एक एस डी एम,एक तहसीलदार पदस्थ हैं।नायब तहसीलदार का पद रिक्त पड़ा है।तीन आर आई सर्कल है पर पदस्थ एक आए आई है।कूल 27 हल्के में महज 14 पटवारी हैं।राजस्व मामले के रीढ़ माने जाने वाले पटवारी की कम संख्या भी लंबित मामले का प्रमुख कारण है।