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दुर्ग में फिर पकड़े गए बांग्लादेशी घुसपैठिये, ज्योति बन कर रहा रही थी बांग्लादेश की शाहिदा खातून

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दुर्ग – इन दोनों छत्तीसगढ़ पुलिस प्रदेश में अपनी पहचान छुपा कर रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों का तलाशी अभियान चला रही है, इसी के चलते दुर्ग STF ने पिछले 4 दिनों में दूसरी कार्रवाई कर बांग्लादेशी घुसपैठिये पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है. अपनी पहचान छुपा कर पिछले करीब 8 सालों से भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठिये, पत्नी घरों में काम करती थी तो पति इस दौरान कई इंडस्ट्रीज में काम कर चुका है.

दुर्गा एसटीएफ से मिली जानकारी के मुताबिक उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी की दुर्ग जिले के भिलाई के सुपेला में एक पति पत्नी पिछले कई दिनों से पहचान छुपा कर रह रहा है और यह बांग्लादेश के नागरिक हैं इसके साथ ही एसटीएफ को यह भी जानकारी मिली थी कि जिस पासपोर्ट और वीजा के जरिए यह दोनों भारत आए थे वह कई साल पहले एक्सपायर हो चुका है.

बांग्लादेश की शाहिदा भारत आकर बनी ज्योति
भिलाई एसटीएफ में दोनों को गिरफ्तार कर लिया और जब पूछताछ की गई तो महिला ने अपना नाम ज्योति और उसके पति ने अपना नाम रसेल शेख बताया. लेकिन जब पुलिस ने बारीकी से जांच की तो पता चला कि महिला का असली नाम ज्योति नहीं बल्कि शाहिदा खातून है. और वह भिलाई में अपनी पहचान छुपा कर  रह रही थी.

पुलिस की जांच में पता चला कि शाहिदा और रसेल ने साल 2017 में शादी की और दोनों पासपोर्ट और वीज़ा लेकर भारत आ गए. लेकिन ज्योति उर्फ शाहिदा का वीजा साल 2018 में और रसेल का वीजा साल 2020 में खत्म ही गया. लेकिन उसके बाद भी दोनों पति पत्नी भिलाई में नाम बदलकर रहते रहे.

दोनों ने बनवा लिए थे फ़र्ज़ी दस्तावेज़
पुलिस की जांच में ये भी खुलासा हुआ कि भिलाई में रहते हुए दोनों बांग्लादेशी घुसपैठिये पति पत्नी ने फ़र्ज़ी दस्तावेजो की मदद से पैन कार्ड, आधार कार्ड, वोटर आईडी, और पासपोर्ट तक बनवा लिया था. यर भी जानकारी मिली है कि इंटरनेट कॉल और व्हाट्सएप कॉल के जरिये ये बांग्लादेश में रह रहे अपने रिश्तेदारो के सम्पर्क में थे.

पहले भी भारत आ चुके हैं शाहिदा और रसेल शेख
दुर्ग एस पी विजय अग्रवाल के मुताबिक शाहिदा खातून और उसका पति रसेल शेख पहले भी एक बार भारत आ चुके हैं. जानकारी के मुताबिक साल 2009 में शहीदा भारत बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय बोंगा बॉर्डर को अवैध तरीके से पार कर पश्चिम बंगाल के नॉर्थ चौबीस परगना पहुँची थी. जिसके बाद वो हावड़ा होते हुए मुम्बई पहुँच गई. मुम्बई के मजदूरी के दौरान उसकी मुलाकात बांग्लादेश के रहने वाले रसेल शेख से हुई .

इसके बाद दोनों वापस पश्चिम बंगाल आ गए और शाहिदा में अपना नाम बदल कर ज्योति रख लिया. साथ ही दोनों ने शादी भी कर ली. कुछ दिन प.बंगाल में रहने के बाद दोनों वापस बांग्लादेश लौट गए.

पुलिस पूछताछ में जानकारी मिली कि इसके वाद ये दोनों साल 2017 में भारतीय वीज़ा लेकर भारत आये. लेकिन फिर वापस ही नहीं गए. पुलिस को ये भी जानकारी मिली है कि रसेल शेख दिल्ली में हुई एक लूट के मामले में भी आरोपी रह चुका है. इसको लेकर भी पुलिस जांच कर रही है.